Russia-Arab ministers: अरब-रूस मंत्रियों ने लाल-सागर के रास्ते में सुरक्षा गारंटी पर चिंता जताई
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Russia-Arab ministers: अरब-रूस मंत्रियों ने लाल-सागर के रास्ते में सुरक्षा गारंटी पर चिंता जताई

Russia-Arab Minister meeting: माराकेच में मीटिंग खत्म होने के बाद जारी स्टेटमेंट कहा गया है, "मंत्रियों ने समुद्री यातायात, ऊर्जा आपूर्ति, तेल पाइपलाइनों और सुविधाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है."

Russia-Arab ministers: अरब-रूस मंत्रियों ने लाल-सागर के रास्ते में सुरक्षा गारंटी पर चिंता जताई

 रूस-अरब मंत्रियों के बीच बुधवार को हुई एक मीटिंग में खाड़ी और लाल सागर के समुद्री रास्ते से गुजरने वाले जहाज़ों की सुरक्षा की गारंटी देने की जरूरत पर जोर दिया गया है. रूस-अरब को-ऑपरेशन ने अपने स्टेटमेंट में कहा गया है कि "अरब-रूस मंत्रियों ने लाल सागर में समुद्री यातायात, ऊर्जा आपूर्ति, तेल पाइपलाइनों और सुविधाओं को निशाना बनाने की की निंदा की है."

इजरायल हमलों की भी निंदा
स्टेटमेंट में कहा गया है, कि मीटिंग में मंत्रियों ने गाजा में फिलिस्तीनियों पर इजरायल के हमलों की कड़ी निंदा की है और हमलों को आत्मरक्षा के नाम सही ठहराने से इनकार किया है. बैठक में मॉस्को का प्रतिनिधित्व कर रहे रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने उम्मीद जताई कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद गाजा में युद्धविराम के लिए एक प्रस्ताव अपनाएगी.

"इज़राइल के जुल्म पर अंतर्राष्ट्रीय सब्र खत्म हो रहा है."
मोरक्को के विदेश मंत्री नासिर बौरिटा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लावरोव और 22 सदस्यीय अरब लीग के राजनयिकों ने हिस्सा लिया. लीग के सहायक महासचिव होसाम ज़की ने कहा, "हमें उम्मीद है कि सुरक्षा परिषद गाज़ा में युद्ध विराम को अपनाएगी और इसको स्थाई सदस्य अमेरिका द्वारा वीटो नहीं किया जाएगा. उन्होने आगे कहा "अरब को उम्मीद है कि संयुक्त राज्य अमेरिका समझ रहा है कि इज़राइल के जुल्म के सामने अंतर्राष्ट्रीय सब्र खत्म हो रहा है."

लाल सागर में हो रहे हमले
इजरायल के गाजा में हो रहे हमलों के जवाब में यमन के हूती लड़ाकों ने जंग का ऐलान कर दिया है. वे लगातार लाल सागर से गुजरने वाले जहाज़ों को निशाना बना रहे है. हूती के इन हमलों से निपटने के लिए अमेरिका ने 10 देशों की संयुक्त सेना बनाने का फैसला किया है. हूती के इन हमलों के बाद कई बड़ी कंपनियों ने अपने जहाज़ों को लाल सागर से निकालने से मना कर दिया. लाल सागर में आई इस अस्थरता के बाद इस रूट से व्यापार करने वाले देशों को अरबों-करोड़ो का नुकसान हो रहा है.

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