बता दें कि कि गुज़िश्ता मार्च में जमात से जुड़े सैकड़ों लोग निज़ामुद्दीन के मरकज़ में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इसी दौरान हुकूमत ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था.
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नई दिल्ली: तबलीगी जमात से जुड़े 36 विदेशी शहरियों को अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोरोना वायरस एक्ट की खिलाफवर्जी के इल्जाम में सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था लेकिन दिल्ली की साकेत अदालत ने उन्हें बाइज्ज़त बरी करने का फैसला सुनाया है. इससे पहले भी सैंकड़ों जमाती जुर्माना भरने या बरी होने के बाद अपने मुल्क वापिस जा चुके हैं.
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बता दें कि कि गुज़िश्ता मार्च में जमात से जुड़े सैकड़ों लोग निज़ामुद्दीन के मरकज़ में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इसी दौरान हुकूमत ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था. जिसकी वजह से बड़ी तादाद में लोग मरकज़ में ही फंस गये थे. इस दौरान निजामुद्दीन मरकज़ पर मुल्क मे कोरोना फैलाने जैसे कई संगीन इल्जाम लगे थे. इस मामले को लेकर कई रियासतों में मामले भी दर्ज हुए लेकिन ज्यादातर अदालतों उन्हें एक-एक कर बरी कर रही हैं.
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निजामुद्दीन मरकज़ में 67 मुल्कों के जमाती मरकज़ में शामिल होने दिल्ली आए थे. जहां गैर मुल्कियों समेत सभी तरह के जमातियों के रुकने के मामले ने तूल पकड़ लिया था. दिल्ली पुलिस ने इनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज भी ज़ब्त कर लिए. पुलिस ने इल्जाम लगाया था कि ज्यादातर जमाती टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे लेकिन वे यहां आकर मजहबी काम करने लगे जो वीजा कानून की खिलाफवर्जी है.
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इस दौरान पुलिस इंतजामिया और तबलीगी जमात एक दूसरे पर तरह-तरह के इल्जाम लगाते रहे. जमात की तरफ से कहा गया था कि 24 मार्च से लगातार वो पुलिस और इंतजामियां के राब्ते में थे. इस दौरान सरकार से लोगों को बाहर निकालने के लिए कर्फ्यू पास की मांग की गई लेकिन ज्यादा हंगामा तब हुआ जब 28 मार्च को एसडीएम और डब्ल्यूएचओ की टीम कुछ लोगों को जांच के लिए ले गई. इसी दौरन 6 लोगों को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था.
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