Bengaluru Water Crisis: बेंगालुरु में पानी का संकट गहराता जा रहा है. सरकार ने नियम बनाया है जिसके तहत पीने का पानी का गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर
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Bengaluru Water Crisis: बेंगलुरु में जल संकट के बीच कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को कारों की धुलाई, बागवानी, निर्माण और रखरखाव सहित अलग-अलग मकसदों के लिए पीने के पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (KWSSB) ने उल्लंघन के लिए ₹5,000 का जुर्माना लगाने का भी फैसला किया है. यह कदम बेंगलुरु शहर प्रशासन के जरिए गुरुवार को पानी की किल्लत को देखते हुए उठाया गया है.
प्रशासन ने पानी के टैंकर्स पर प्राइस कैप तय कर दिया है. दाम पानी की क्वांटिटी और दूरी को देखते हुए तय किए गए हैं. गर्मी पूरी तरह शुरू होने से पहले ही शहर पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है. पिछले मानसून सीजन में कम बारिश के कारण भारी कमी के कारण शहर भर में 3,000 से अधिक बोरवेल भी सूख गए हैं.
टेक हब में अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स और गेटेड सोसाइटीज ने भी पानी के इस्तेमाल पर रोक लगानी शुरू कर दी है. कुछ निवासियों ने सोशल मीडिया पर यह साझा किया कि उनकी सोसायटी नोटिस भेज रही हैं कि पानी बहुत कम या बिल्कुल नहीं बचा है.
दक्षिणी राज्य में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार पिछले कुछ महीनों से केंद्र से सूखा राहत की गुजारिश कररही है, साथ ही गंभीर कमी से निपटने के लिए बैठकें भी आयोजित कर रही है. ऐसी ही एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि सरकार पानी से जुड़ी परियोजनाओं को अन्य परियोजनाओं की तुलना में प्राथमिकता देगी और सिंचाई पर ध्यान केंद्रित करेगी.
इस मुद्दे ने सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक खींचतान भी पैदा कर दी है, बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर अधिकारी पेयजल संकट का समाधान करने में नाकामयाब रहे तो वह जल्द ही बेंगलुरु विधान सौध के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे.