यहां रोजगार मांगना है गुनाह; पढ़े-लिखे नौजवानों को जानवरों की तरह कूट देता है प्रशासन
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यहां रोजगार मांगना है गुनाह; पढ़े-लिखे नौजवानों को जानवरों की तरह कूट देता है प्रशासन

Bihar Lathicharge on Unemployed Trend Teacher : बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को टीईटी परीक्षा और नौकरी की मांग कर रहे प्रशिक्षित शिक्षकों पर प्रशासन ने बल प्रयोग करते हुए उनकी पिटाई की और उनपर वाटर कैनन छोड़े गए.

यहां रोजगार मांगना है गुनाह; पढ़े-लिखे नौजवानों को जानवरों की तरह कूट देता है प्रशासन

पटनाः बिहार में सरकारें बदल जाती है, लेकिन अगर कुछ नहीं बदलता है, तो यहां के बेरोजगारों की किस्मत. बेरोजगार नौकरी और रोजगार की मांग के लिए वर्षों से लाठी और डंडे खा रहे हैं. सोमवार को भी बीटेट पास उम्मीदवारों (BTET Pass Candidates) ने जब बिहार की राजशानी में टेट परीक्षा (TET Examination) की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया तो प्रशासन ने उनपर लाठी-डंडा चलवा दिया. शिक्षक उम्मीदवारों को जानवरों की तरह बीच चौराहे पर पीटा गया. प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. इस पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर किसी का भी रूह कांप उठेगा. वीडियो क्लिप में एक युवा प्रदर्शनकारी हाथ में तिरंगा पकड़े हुए, दर्द से कराह रहा है. 

डिएम ने कहा, प्रदर्शनकारियों ने ठुकराया प्रशासन का प्रस्ताव 
पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक, डाक बंगला क्रॉसिंग पर भीड़ उग्र हुई, जहां दो अलग-अलग समूह के लोग एक साथ आ गए. इनमें एक शिक्षक पात्रता परीक्षा के उम्मीदवार शामिल थे, जो नौकरी और टेट परीक्षा कराए जाने की मांग कर रहे हैं और दूसरे में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे. इन दोनों की बहुत बड़ी भीड़ थी जिसे डाक बंगला क्रॉसिंग से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती थी. इसलिए हल्का बल प्रयोग किया गया. उन्हें पहले पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के जरिए एक मजिस्ट्रेट या राजभवन जाकर ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव दिया गया था. 

कांग्रेस ने की लाठीचार्ज की निंदा 
राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी, जिनकी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी है, ने इस प्रकरण की कड़े शब्दों में निंदा की है. तिवारी ने कहा है कि हम समझ सकते थे कि युवक पथराव या किसी भी प्रकार की शारीरिक हिंसा में शामिल नहीं था, लेकिन एक युवक की पिटाई अस्वीकार्य है. संबंधित अधिकारी को दंडित किया जाना चाहिए.

दो सदस्यीय जांच समिति का गठन
इस प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर डीएम ने कहा है कि प्रशासन ने आरोपों को देखने और वीडियो फुटेज की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. उन्होंने कहा, ’समिति दो दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी और उसके मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि, डीएम ने यह भी कहा कि “प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा. डाक बंगला क्रॉसिंग पर किसी भी जुलूस की इजाजत नहीं है और इसलिए, प्रदर्शनकारियों पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

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