BJP Muslim Candidate: भाजपा के इकलौते मुस्लिम उम्मीदवार का कहना है कि भाजपा अल्पसंख्यकों का सम्मान करती है और मुस्लिम उम्मीदवारों को बुलाती है. उन्होंने कांग्रेस और सीपीआई (एम) पर हमला किया है.
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BJP Muslim Candidate: पूरे भारत में भाजपा ने एक मुस्लिम उम्मीदवार अब्दुल सलाम को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है. यह उम्मीदवार केरल के मलापुरम से हैं. उनका कहना है कि वह पैगंबर मुहम्मद की तालीम में यकीन रखते हैं. लेकिन देशभक्ति और राष्ट्रीय हितों को सभी धार्मिक प्राथमिकताओं से ऊपर रखते हैं. उन्होंने कहा है कि भाजपा अल्पसंख्यकों का सम्मान करती है और मुस्लिम नेताओं को आमंत्रित करती है.
हाल ही में भाजपा के मुस्लिम कैंडिडेट अब्दुल सलाम तब चर्चा में आए थे, जब पीएम मोदी केरल के मलप्पुरम में रोड शो करने गए थे लेकिन अब्दुल सलाम को नहीं बुलाया गया था. अब्दुल सलाम ने हिंदूस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा कि "देश में मुस्लिम राजनेताओं को अपनी मौजूदा प्रथा को समाप्त करना चाहिए."
71 साल के कृषि विज्ञानी ने दावा किया कि "रोड शो की शुरुआत से पहले, मैं प्रधान मंत्री से मिला, और उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दीं. मैंने उनके साथ सेल्फी भी ली. मैं उन्हें अपने मलप्पुरम निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार के लिए आमंत्रित करने के लिए ही पलक्कड़ पहुंचा था और प्रधानमंत्री ने अभी तक उस निमंत्रण को स्वीकार या अस्वीकार नहीं किया है."
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने भाजपा को प्राथमिकता क्यों दी? इस पर सलाम ने दावा किया कि भाजपा कभी भी हिंदुत्व या सांप्रदायिक पार्टी नहीं थी. उनका कहना है कि वह भजपा दूसरी सभी प्राथमिकताओं को देशभक्ति से नीचे रखती है.
उन्होंने कहा कि "मेरी कांग्रेस, IUML या CPI (M) से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. मेरा प्रश्न यह है कि वे राष्ट्रीय हितों को पहले स्थान पर क्यों नहीं रखते. धर्म और आस्था अहम हैं लेकिन इन्हें देश से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए.' मेरे लिए देश सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसलिए मुझे देश और इसके समग्र विकास के प्रति मोदी का समर्पण अच्छा लगा."
उन्होंने कांग्रेस और सीपीआई (एम) पर हमला बोलते हुए कहा कि "कांग्रेस और सीपीआई (एम) केरल में कट्टर मुस्लिम नेताओं को खुश करने के अलावा और क्या कर रहे हैं? केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल, शुक्रवार को मतदान होगा. केरल के सत्तारूढ़ और विपक्षी दल अब भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से राज्य में मतदान की तारीख को फिर से निर्धारित करने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि यह शुक्रवार के साथ मेल खाता है, जो मुस्लिम आस्था के लिए एक अहम दिन है. अगर देश प्राथमिकता है तो कोई भी मुस्लिम उस दिन मस्जिद में नमाज से पहले या बाद में वोट कर सकता है. अगर यही मानसिकता रही तो समुदाय कैसे तरक्की करेगा और उसके युवा शीर्ष स्थान पर कैसे पहुंचेंगे?"
उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर मुस्लिम रूढ़िवादियों का अड़ियल रवैया देश में समुदाय के लिए चीजों को जटिल बना देगा.
सलाम ने कहा कि "मैं राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा उम्मीदवारों के बीच अब तक के एकमात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में सम्मानित महसूस कर रहा हूं. लेकिन यह भी सच है कि भाजपा अल्पसंख्यकों का सम्मान करती है और मुस्लिम नेताओं का स्वागत करती है. लेकिन वे पार्टी में शामिल होने और देश के लिए मोदीजी के दृष्टिकोण को अपनाने के लिए तैयार क्यों नहीं हैं? एक शिक्षित मुस्लिम के रूप में, मैंने भारत को विश्व शक्ति बनाने के इस मिशन में मोदी के साथ शामिल होना अपना कर्तव्य समझा. मुस्लिम नेताओं को उन तत्वों के हाथों की कठपुतली नहीं बनना चाहिए जो भारत के विकास से ईर्ष्या करते हैं."