महाराष्ट्र में राहुल गांधी की हुंकार; कहा- किसानों की आवाज बनकर उभरेगा विपक्षी गठबंधन INDIA
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महाराष्ट्र में राहुल गांधी की हुंकार; कहा- किसानों की आवाज बनकर उभरेगा विपक्षी गठबंधन INDIA

Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी ने कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना (UBT) एमपी संजय राउत के साथ महाराष्ट्र के नासिक जिले के चंदवाड में एक किसान रैली को खिताब किया.

 

महाराष्ट्र में राहुल गांधी की हुंकार; कहा- किसानों की आवाज बनकर उभरेगा विपक्षी गठबंधन INDIA

Rahul Gandhi On Opposition Alliance: कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर अपोजिशन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अपोजिशन का महागठबंधन  इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) अगर हुकूमत बनाने में कामयाब में होता है तो वह किसानों की आवाज बन कर उभरेगा और ऐसी पॉलिसियां बनाएगा जो उनकी हिफाजत कर सके. उन्होंने किसानों को जीएसटी से बाहर करने का वादा किया. राहुल गांधी कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना (UBT) एमपी संजय राउत के साथ महाराष्ट्र के नासिक जिले के चंदवाड में एक किसान रैली को खिताब कर रहे थे.

राहुल गांधी ने कहा कि , विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की सरकार किसानों की आवाज बनेगी और उनकी भलाई को ध्यान में रखते हुए उनकी हिफाजत के लिए काम करेगी. राहुल ने कहा कि, इंडिया गठबंधन की सरकार के दरवाजे किसानों के लिए हमेशा खुले रहेंगे. कांग्रेस नेता ने किसानों के लिए कर्ज माफी, किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए फसल बीमा स्कीम के पुनर्गठन, निर्यात आयात नीतियों के निर्माण में फसल की कीमतों की रक्षा करने और कृषि को जीएसटी के दायरे से बाहर करने की कोशिश करने और सिर्फ एक टैक्स पर काम करने का वादा किया.

केरल के वायनाड से लोकसभा एमपी राहुल गांधी ने स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी देने के कांग्रेस के वादे को भी दोहराया. कांग्रेस के पूर्व सद्र ने दावा किया कि, मुल्क में 20-25 लोगों के पास उतनी प्रॉपर्टी है, जितनी देश की 70 करोड़ आबादी के पास है. उन्होंने दावा किया कि, बीजेपी सरकार ने उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है. राहुल गांधी ने कहा कि, यह रकम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के 24 बरसों के बजट के बराबर है. जिसके तहत गरीब लोगों को रोजगार देने के लिए हर साल 35 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं.

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