तुर्की के राष्ट्रपति तय्यिप एर्दोगन ने बुधवार को कहा कि इजराइल के पास परमाणु बम है या नहीं इस बात को उसे खुले तौर पर कबूल करना चाहिए. उन्होंने इजराइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें युद्ध अपराधी बताया है.
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एक संसदीय मंत्री समूह की साप्ताहिक बैठक में एर्दोगन ने नेतन्याहू से सवाल पूछा है कि तुम्हारे पास परमाणु बम है या नहीं? अगर हिम्मत है, तो खुल कर इसे स्वीकार करने का दम दिखाओ. बेनजमीन नेतन्याहू से सवाल करते हुए एर्दोगन ने कहा कि हम ये जानते हैं की इज़राइल के पास परमाणु बम है और इसी वजह से वो इतनी धमकियाँ दे रहा है. इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा की चाहे इज़राइल के पास कुछ भी हो, कितने भी परमाणु बम हो अब इज़राइल की मौत का समय आ रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल एक आतंकवादी देश है, और गाजा में अन्तर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है. इसलिए गाजा में हो रहे नरसंहार के कारण सैकड़ों हजारों वकील इस मामले को हेग के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जा रहे हैं. हम सभी आवश्यक कदम उठाने और आवश्यक घोषणाएँ करने का हर संभव प्रयास करेंगे.
क्या बोले PM एर्दोगन?
तय्यिप एर्दोगन हमास का पक्ष लेते हुए बोले कि हमास कोई आतंकवादी संगठन नहीं है, बल्की एक राजनीतिक पार्टी है, और भले तुम हमास को एक आतंकवादी संगठन कहो लेकिन हमास एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है, जो फिलिस्तीन में चुनावों में शामिल हुई और चुनाव जीत गई. जीतने के बाद इज़राइल और अमेरिका ने मिलकर उसके हक़ छीन लिए. एर्दोगन संसद का ध्यान गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताई गई मौतों की ओर दिलाया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इस संघर्ष में 11,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, और कहा की गाजा में इजरायल द्वारा मारे गए 12,000 लोगों में से दो-तिहाई महिलाएं हैं.
इतना ही नहीं एर्दोगन ने तुर्की संसद में यह भी कहा की "इजरायली सरकार पिछले 40 दिनों से लगातार वॉर क्राइम्स कर रही है. वे अस्पतालों, सड़कों और मस्जिदों पर बमबारी कर रहे हैं और जानबूझकर इन सभी स्थानों को निशाना बना रहे हैं. एक शहर को पूरी तरह से नष्ट करने की रणनीति लागू कर रहे हैं." एर्दोगन ने यह तक दावा किया कि इस वॉर क्राइम के लिए इज़राइल को "अमेरिका और पश्चिम का पूरा समर्थन मिलता है,और इस वॉर क्राइम के खिलाफ सभी आवश्यक कदम उठाने और आवश्यक घोषणा करने का प्रयास करेंगे." अंत में वे बोले की जंग की भी अपनी सीमाएँ, नैतिकताएँ होती हैं और युद्ध का पहला नियम महिलाओं, बच्चों या चिकित्सा रोगियों को नुकसान पहुंचाना नहीं है. उन्होंने इज़राइल पर जानबूझकर बच्चों को भोजन या ईंधन के बिना मरने के लिए छोड़ने का आरोप लगाया है.