पिता ने बेचा था घर, मां ने गिरवी रखे थे गहने और पहली ही कोशिश में IAS बन गया बेटा
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पिता ने बेचा था घर, मां ने गिरवी रखे थे गहने और पहली ही कोशिश में IAS बन गया बेटा

 तैयारी के लिए दिल्ली जाते वक्त प्रदीप ने मां को भरोसा दिलाया था कि उसका सलेक्शन यूपीएससी में ज़रूर होगा.

पिता ने बेचा था घर, मां ने गिरवी रखे थे गहने और पहली ही कोशिश में IAS बन गया बेटा

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह ने साल 2019  UPSC के सिविल सर्विस एग्जाम में ऑल इंडिया 93वीं रैंक हासिल की है. प्रदीप ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की पढ़ाई की. प्रदीप ने अपनी इस कामयाबी का क्रेडिट अपने मां-बाप को दिया है. प्रदीप का कहना है कि उसकी पढ़ाई के लिए उसके माता-पिता ने बहुत जिद्दोजहद की है और अब उनके कुर्बानियों को खत्म करने का वक्त आ गया है. 

प्रदीप का परिवार बिहार का का रहने वाला है लेकिन 1992 में उनके पिता इंदौर आकर बस गए और एक पेट्रोल पंप में नौकरी करने लगे. प्रदीप की पढ़ाई में रुकावट न आए इसके लिए उन्होंने अपना घर भी बेच दिया. जिसके बाद से पूरा परिवार किराये के मकान में रह रहा है.

घर बेचने के बाद भी जब पैसे खत्म हो गए तो मां ने प्रदीप की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने गहने बेचे और गिरवी रखे. तैयारी के लिए दिल्ली जाते वक्त प्रदीप ने मां को भरोसा दिलाया था कि उसका सलेक्शन यूपीएससी में ज़रूर होगा. 

प्रदीप ने बताया कि बचपन से ही उसका ख्वाब कलेक्टर बनने का था. कलेक्टर बनकर वे महिला सशक्तिकरण, महिला सिक्योरिटी और देश के लिए काम करना चाहते हैं. यूपीएससी में सलेक्शन को लेकर प्रदीप ने कहा कि वह हर रोज 10 से 12 घंटे तक पढ़ाई करते थे. पढ़ाई पर फोकस हो सके, इसके लिए उन्होंने रिश्तेदारों से भी दूरी बना ली थी.

 

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