भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, जंग से मुतासिर अफगानिस्तान के नए हुकमरानों की गुज़ारिश पर यह बैठक आयोजित की गई थी.
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नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने पहली बार इस संगठन के नेता से ऑफिशियल तौर पर बातचीत की है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ कर जानकारी दी है कि भारत के राजदूत ने कतर के दारुल हुकूमत दोहा में तालिबान के नेता से बातचीत की.
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, जंग से मुतासिर अफगानिस्तान के नए हुकमरानों की गुज़ारिश पर यह बैठक आयोजित की गई थी. मीटिंग के दौरान, राजदूत दीपक मित्तल ने भारत की चिंता जताई कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत मुखालिफ सरगरमियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
Press Release on the Meeting in Doha.
Link : https://t.co/oyWaGXuHi9— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 31, 2021
विदेश मंत्रालय ने कहा कि तालिबान नेता से सामने ये मसला भी उठाया गया कि अफगान नागरिकों, खास कर अल्पसंख्यकों की हिफाज़त को यकीनी बनाया जाए और जो लोग वहां से इंडिया आने चाहते हों, उन्हें आने दिया जाए. बैठक के दैरान, तालिबान के प्रतिनिधि ने भरोसा दिया कि भारत की चिंताओं का समाधान किया जाएगा.
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गौरतलब है कि हालिया दिनों में तालिबान के कई नेताओं ने कई बार कहा है कि भारत इस क्षेत्र का अहम मुल्क है और हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं. तालिबान ने अफगानिस्तान में भारतीय निवेश का स्वागत किया है और कहा है भारत अफगानिस्तान में प्रोजेक्ट्स पर काम करना जारी रख सकता है. वहीं, तालिबान ने लगातार ये भी दावा किया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा.
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