खुद के आंकड़े खोल रहे सरकार की पोल, 3 सालों में बंद हुए हजारों उद्योग; कौन दे रहा रोजगार?
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खुद के आंकड़े खोल रहे सरकार की पोल, 3 सालों में बंद हुए हजारों उद्योग; कौन दे रहा रोजगार?

सरकार ने लोकसभा में एक सदस्य द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बताया है कि पिछले 3 सालों में देश में कितने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बंद हो गए हैं. सरकार के ये आंकड़े खुद सरकारी दावों की पोल खोल रहे हैं, जिसमें सरकार दावा करती रही है कि देश का युवा स्वरोजगार में आगे बढ़ रहा है. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः भाजपा के सत्ता में आने के बाद बेरोजगारी बढ़ने और रोजगार देने के दावों में विफल होने के विपक्ष के सवालों पर अक्सर सरकार कहती है कि उसने नौकरी भले ही नहीं दिया है, लेकिन युवाओं को रोजगार दिया है. उन्हें इस लायक बनाया है कि वह खुद का रोजगार कर सके और वहां कुछ युवाओं को रोजगार भी दे सकें. बेरोजगारी के सवाल पर सरकार देश में र्स्टाटअप कल्चर बढ़ने की बात कर इस सवाल से पल्ला झाड़ लेती है. लेकिन एक आंकड़े सामने आने के बाद वह खुद अपने ही दावों पर घिरती नजर आ रही है. सरकार के इन दावों पर कुछ माह पहले भी सवाल उठाए गए थे जब एनसीआरबी ने आंकड़े जारी कर बताया था कि पिछले एक साल में देश में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले स्टार्टअप की नाकामी से जुड़े रहे हैं.  

सरकार ने लोकसभा में बृहस्पतिवार को बताया कि जुलाई 2020 से मार्च 2023 तक करीब तीन सालों में देशभर में लगभग 19,687 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम बंद हो गए हैं या उन्होंने काम करना बंद किया है. लोकसभा में कल्याण बनर्जी के सवाल के लिखित जवाब में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा ने ये आंकड़े पेश किए हैं. 

लोक सभा सदस्य ने पूछा था कि क्या वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 10,655 एमएसएमई बंद हुए हैं, जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा हैं?  वर्मा ने अपने जवाब में उद्यम पंजीकरण पोर्टल का डाटा पेश किया है, जिसके मुताबिक, जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक 175 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) बंद हो चुके हैं या फिर ऐसी ईकाईयों ने काम करना बंद कर दिया है. वहीं, अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 6,222 एमएसएमई बंद हो चुके हैं और अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 13,290 एमएसएमई बंद हुए हैं या काम करना बंद कर दिया है. इस तरह जुलाई 2020 से मार्च 2023 तक करीब तीन वर्षो में 19,687 सूक्ष्म, लघु और मध्यम ईकाई बंद हुए या काम करना बंद किया है. 

केंद्रीय मंत्री ने कहा है, "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय देश में एमएसएमई को कर्ज, प्रौद्योगिकी सहायता, अवसंरचना विकास, कौशल विकास और प्रशिक्षण एवं बाजार सहायता के क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं को शुरू करने में मदद करता है. सरकार ने देश में एमएसएमई को सहायता देने के लिए कई पहल की हैं जिनमें एमएसएमई सहित कारोबार के लिए 5 लाख रूपये की आकस्मिक कर्ज सुविधा गारंटी योजना, एमएसएमई आत्मनिर्भर भारत निधि से 50 हजार रूपये का इक्विटी और ‘उद्यम पंजीकरण’ की सुविधा देता है. 

Zee Salaam

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