क्लास में बजा मोबाइल तो टीचर ने नाबालिग छात्राओं के उतरवा दिए कपड़े; हाई कोर्ट पहुंचा मामला
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क्लास में बजा मोबाइल तो टीचर ने नाबालिग छात्राओं के उतरवा दिए कपड़े; हाई कोर्ट पहुंचा मामला

Madhya Pradesh News: इंदौर में सराकरी स्कूल की शिक्षिका ने मोबाईल ढूंढने के लिए पांच नाबालिग छात्राओं के कपड़ा उतरवा दिए. पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है.  

 

क्लास में बजा मोबाइल तो टीचर ने नाबालिग छात्राओं के उतरवा दिए कपड़े; हाई कोर्ट पहुंचा मामला

Indore News: मध्यप्रदेश के इंदौर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक सरकारी स्कूल की महिला टीचर ने 2 अगस्त को मोबाईल ढूंढने के लिए नाबालिग छात्राओं के कपड़े उतरवा दिए. यह शर्मसार करने वाली घटना इंदौर के मल्हारगंज में हुई है. दरअसल, क्लास के दौरान कक्षा में मोबाइल फोन की घंटी बज गई. इसके बाद शिक्षिका ने मोबाईल ढूंढने के लिए नाबालिग छात्राओं के उतरवा दिए. हालांकि, अब घटना के 13 दिन बाद  शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. 

क्या है पूरा मामला?
इंदौर के एक पुलिस अफसर ने बताया कि मल्हारगंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. उनहोंने बताया कि एक गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल की कक्षा में दो अगस्त को मोबाइल फोन की घंटी बजने पर एक टीचर ने इस माबाईल को ढूंढने के लिए कम से कम पांच छात्राओं को टॉयलेट में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए और उनकी तलाशी ली.

शिक्षिका के खिलाफ कई धाराओ में मामला दर्ज  
मल्हारगंज पुलिस थाने के SHO शिव कुमार रघुवंशी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि टीचर्स ने मोबाइल ढूंढने के लिए नाबालिग छात्राओं के कथित तौर पर कपड़े उतरवाकर उन्हें "मानसिक रूप से प्रताड़ित" किया.  शिक्षिका के खिलाफ IPC की कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है. रघुवंशी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने पीड़ित छात्राओं और उनके परिवार वालों और गवर्नमेंट स्कूल के शिक्षकों के बयान दर्ज किए.  उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि घटना के पीछे महिला टीचर का कोई "यौन इरादा" नहीं था, इसलिए शिक्षिका के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में पॉक्सो एक्ट नहीं जोड़ा गया.

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घटना को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र द्वारा दायर जनहित याचिका ( Public interest litigation ) पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने स्टेट गवर्नमेंट को 9 अगस्त को नोटिस जारी किया था. कोर्ट  ने राज्य सरकार को निर्देशित किया था कि वह हफ्ते भर के भीतर रिपोर्ट पेश करे कि इस मामले में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद क्या कार्रवाई की गई है?

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