Karnataka: कर्नाटक में अब हिंदू दरगाह में महाशिवरात्रि मना सकेंगे. ट्रिब्यूनल ने इसके लिए इजाजत दी है. जिसके बाद भारी सिक्योरिटी तैनात तक दी गई है. कई चेकपोस्ट बनाए गए हैं और हर किसी की चेकिंग की जा रही है. पढ़ें क्या है पूरा मामला
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Karnataka: कर्नाटक के कालाबुरगी जिले में एक वक्फ ट्रीब्यूनल ने महाशिवरात्रि पर दरगाह में पूजा करने की इजाजत दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आलैंड में लाडले मुशक दरगाह में मुसलमानों और हिंदुओं दोनों प्रार्थना कर सकते हैं. इसके लिए ट्रीब्यूनल ने टाइम का भी ऐलान किया है. जिसके अनुसार मुसलमान सुबह 8 से दोपहर के 12 बजे के बीच उर्स के लिए दरगाह में जा सकेगें. वहीं हिंदू 2 बजे से 6 बजे के बीच शिवरात्री की पूजा कर सकेंगे. ये जानकारी डेप्युटी कमिश्नर येशवंत गुरुकर ने दी है.
आपको जानकारी के लिए बता दें कई सालों से ये दरगाह हिंदू और मुसलमानों के लिए प्रार्थना की जगह रही है. ऐसा कहा जाता है दरगाह का नाम 14वीं शताब्दी के सूफी विद्वान के नाम पर रखा गया है जो अपने दार्शनिक विचारों के लिए प्रसिद्ध हैं और इसके अलावा यहां 15वीं शताब्दी के संत राघव चैतन्य की कब्र भी है. पिछले साल ये दरगाह काफी विवादों में रही थी. दोनों समुदायों के बीच झगड़े में पत्थरबाजी हुई थी और हथियार तक निकल आए थे.
इस दरगाह में 2021 में जब विवा बढ़ गया जब एक हिंदुत्व संगठन ने शिवलिंग की बेअदबी की घटना के बाद त्योहार के लिए राघव चैतन्य की मूर्ति को "शुद्ध" करने पर जोर दिया. लेकिन अब ट्रिब्यूनल के इस फैसले से शांती होने की पूरी उम्मीद है. एसपी ईशा पंत के अनुसार 1,050 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया गया है, 12 चेकपोस्ट बनाई गई हैं. जहां से आने जाने वालों की चेकिंग की जाएगी.
पुलिस दरगाह को लेकर पूरी तरह सख्त हो गई है. इस बार किसी तरह का कई विवाद प्रशासन होने देना नहीं चाहती है. इसलिए 6 बजे के बाद दरगाह में घुसना सख्त मना है. अगर कोई ऐसा करता पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं.