नौकरी जाने से खत्म नहीं होती दुनिया; छूट गई हो आपकी भी जॉब तो क्या करें ?
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नौकरी जाने से खत्म नहीं होती दुनिया; छूट गई हो आपकी भी जॉब तो क्या करें ?

आईटी सेक्टर भीषण मंदी के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में कई नामचीन और बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है. प्रोफेशनल्स हताशा और निराशा में है. एचआर प्रोफेशनल्स उन्हें सलाह दे रहे हैं कि ऐसे वक्त में वह आखिर क्या करें ? 

अलामती तस्वीर

बेंगलुरु:  सालों से फलफूल रहे आईटी उद्योग में अभी मंदी का दौर है. पूरी दुनिया में इस पेशे से जुड़े लोगों की नौकरियां जा रही है. कंपनी थौक भाव में अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. इस वजह से कर्मचारियों, खासकर वरिष्ठ पेशेवरों और फ्रेशर्स पर इसका काफी नकारात्मक असर पड़ रहा है. यहां तक कि मानव संसाधन विभाग भी इस स्थिति को लेकर तनाव में है. इस मामले में एचआर प्रोफेशनल्स का कहना है कि नौकरी खोना दुनिया का खत्म होना नहीं है. यह आपके लिए कौशल बढ़ाने का वक्त है. हालांकि, वे ये भी मानते हैं कि एक कर्मचारी के लिए यह काफी मुश्किल वक्त हो सकता है. एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी के एक एचआर प्रमुख ने कहा कि विभाग के पास कर्मचारियों के काफी संख्या में सवाल आ रहे हैं. 

नौकरी जाने से खत्म नहीं होता किसी का करिअर 
रेडटैलेंट के संस्थापक और सीईओ पीयूष भारती का कहते हैं,  "किसी के लिए नौकरी छूटना एक दर्दनाक अनुभव है. यह आपको निराश, तनावग्रस्त और अनिश्चित के दलदल में धकेल सकता है." उन्होंने कहा, "इससे पहले, हमने देखा कि कोविड महामारी के दौरान बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई थीं. भविष्य के बारे में बहुत अनिश्चितता थी, लेकिन चीजें धीरे-धीरे पटरी पर लौटी. इसलिए हम मौजूदा हालात से एक बात सीख सकते हैं कि आपकी नौकरी छूटने का मतलब यह नहीं है कि आपका करियर खत्म हो गया है. 

मंदी के दौर में नौकरी जाना आपकी गलती नहीं 
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण इस तथ्य को समझना और स्वीकार करना है कि मंदी के वक्त आपकी नौकरी जाना आपकी गलती नहीं है, क्योंकि इसमें विभिन्न आर्थिक और वित्तीय कारक शामिल होते हैं, जो किसी भी कंपनी को इस तरह के कठोर फैसले लेने के लिए मजबूर करते हैं. सीईओ पीयूष भारती कहते हैं, ’’मैं यहां जो बात कहने की कोशिश कर रहा हूं वह यह है कि किसी को खुद को कसूरवार नहीं मानना चाहिए और न ही इसे अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करने देना चाहिए.

मातम मनाने के बजाए सोशल नेटवर्किंग करें मजबूत 
पीयूष भारती कहते हैं, "नौकरी जाने पर अपने मित्रों, कलीग सोशल सर्कल में लोगों से बात करें. अपने नेटवर्क का विस्तार करें, क्योंकि परिस्थितियां बदलती हैं और किसी के पास भी आपके लिए एक अवसर हो सकता है जिसे आप लपक सकते हैं. नौकरी जाने के बाद अपने आप को अलग-थलग और अकेला  न रखें और लोगों से मिलने या बात करने में संकोच न करें, क्योंकि इससे अवसर हाथ से निकल सकता है." भावनात्मक और मानसिक तौर पर खुद को मजबूत बनाने के लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ चर्चा करें.

ऑनलाइन प्रोफाइल अपडेट करें
अपना बायोडाटा और ऑनलाइन प्रोफाइल अपडेट करें. यहां अपनी उपलब्धियों और अनुभव को लिखने से आपको अपने कौशल और मूल्य को पहचानने में मदद मिलेगी.

अपने आप को अपस्किल कर
अपने करिअर पर चिंतन करें और सोचें कि यहां से आपके करिअर के लिए अगला सबसे अच्छा कदम क्या हो सकता है ?  अपने आप को अपस्किल करें, कुछ नया सीखें. अपस्किलिंग आपको भविष्य के लिए अधिक मूल्यवान बना देगा और संभावित रूप से करिअर के कई द्वार खोल देगा. यह आपके अंदर कुछ नया करने का जुनून भी पैदा कर देगा. 

आपकी पहचान नौकरी से नहीं होती है 
बाटिक की सह-संस्थापक सेमलानी कहती हैं, "नौकरी खोना एक कठिन अनुभव हो सकता है, लेकिन यह दुनिया का अंत नहीं है. याद रखें कि आपकी पहचान नौकरी से नहीं हैं. जिंदगी में वक्त बदलता रहता है. इस समय को अपनी ताकत और जुनून को हथियार बनाएं और नए मौकों को पाने के लिए इसे एक अवसर के तौर पर इस्तेमाल करें. अपने आप पर और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें, और विश्वास करें कि जिंदगी में कुछ बेहतर जरुर होगा. याद रखें, आप अकेले नहीं हैं." 

Zee Salaam

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