अरुणाचल प्रदेश में JDU के एकमात्र विधायक ने थामा BJP का दामन; 6 पहले दे चुके हैं दगा
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अरुणाचल प्रदेश में JDU के एकमात्र विधायक ने थामा BJP का दामन; 6 पहले दे चुके हैं दगा

JDU MLA Joins BJP in Arunachal Pradesh: नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जद (यू) ने 2019 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें सात सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी, लेकिन आज पार्टी को कोई भी विधायक नहीं बचा है, सभी ने भाजपा का दामन थाम लिया है. 

तेची कासो

ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू के एकमात्र विधायक तेकी कासो ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. विधानसभा के उपाध्यक्ष तेसम पोंगटे ने ईटानगर से विधायक कासो के भाजपा में शामिल होने को मंजूरी दे दी है. तेकी के आने के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा विधायकों की तादाद बढ़कर 49 हो गई है.

प्रदेश में जदयू के जीते थे 7 विधायक, सभी अब भाजपा में 
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जद (यू) ने 2019 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें सात सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी. वह भाजपा के बाद प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. भाजपा ने सर्वाधिक 41 सीटें जीती थीं. हालांकि, 25 दिसंबर, 2020 को जद (यू) के छह विधायक जदयू छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा की सहयोगी पार्टी एनपीपी के विधानसभा में चार-चार विधायक हैं, जबकि तीन विधायक निर्दलीय हैं, जो सत्तारूढ़ दल को अपनी हिमायत दे रहे हैं.

बिहार में नवगठित सरकार ने विश्वास मत हासिल किया
वहीं, बिहार में नवगठित ‘महागठबंधन’ सरकार ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी विधायकों के बहिर्गमन के बीच आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया है. हाल ही में राज्य में हुए सियासी उलटफेर में भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था. 160 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि इसके खिलाफ कोई वोट नहीं पड़ा. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एकमात्र विधायक अख्तरुल ईमान ने भी विश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है. हालांकि, ईमान की पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा नहीं है. इस बीच भाजपा के कुछ विधायकों ने सदन में हंगामा किया और मांग की कि उपाध्यक्ष सदस्यों की संख्या गिनने में वक्त बर्बाद न करें, बल्कि दिन के लिए निर्धारित कामकाज पर ध्यान दें. इन विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन भी किया. 

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