यूपी अल्पसंख्यक आयोग में पसमांदा मुसलमानों की शिकयतों का अंबार, जानिए क्या बोली भाजपा
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यूपी अल्पसंख्यक आयोग में पसमांदा मुसलमानों की शिकयतों का अंबार, जानिए क्या बोली भाजपा

UP Pasmanda Muslims: देश में अल्पसंख्यकों की श्रेणी में कुल 6 समुदाय आते हैं, जिसमें से मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी शामिल है. जिसमें खासतौर से मुसलमान भी शामिल है. और इन मुसलमानों में सबसे ज्यादा पासमन्दा समाज से जुड़े लोगो की तादाद है.

यूपी अल्पसंख्यक आयोग में पसमांदा मुसलमानों की शिकयतों का अंबार, जानिए क्या बोली भाजपा

लखनऊ: आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर मुसलमानों की आबादी दूसरे राज्यों के मुक़ाबले में काफी ज़्यादा मानी जाती है. इन मुसलमानों में सबसे बड़ी तादाद में पासमन्दा मुसलमान है. यूपी अल्पसंख्यक आयोग में इन दिनों सबसे ज्यादा शिकायत के मामले भी पसमांदा मुसलमान से जुड़े आ रहे हैं. यूपी अल्पसंख्यक आयोग के मुताबिक़ पसमांदा मुस्लिम समाज बीजेपी की हुकूमत पर भरोसा करके अपने तमाम मामले आयोग लेकर पहुंच रहा है.

80 फीसद मामले पसमांदा मुस्लिम समाज से जुड़े
उत्तर प्रदेश में बड़ी तादाद में मुस्लिम आबादी निवास करती है. जिसमें एक बड़ी तादाद पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों की भी है, जिसके चलते इन दिनों उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में 80 फीसद से ज्यादा मामले पसमांदा मुस्लिम समाज से जुड़े आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफ़ाक़ सैफी के मुताबिक मुस्लिम समाज बीजेपी की हुकूमत पर भरोसा करके अपने मामलों को हल कराने के लिए अल्पसंख्यक आयोग की तरफ रुख़ कर रहा है. इन मामलों में जमीन जायदाद, सरकारी योजनाओं से जुड़े मामले शामिल है. अशफ़ाक़ सैफी ने बताया कि आयोग के पास साल भर में उत्तर प्रदेश के जिलों से 2686 शिकायतें हासिल हुई हैं, जिनमें से 2468 शिकायतों को हल आयोग द्वारा किया जा चुका है.

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पहले पासमन्दा की समस्याओं पर नहीं दिया गया धयान- अनीस मंसूरी
पसमांदा मुस्लिम समाज के लिए एक लंबे वक्त से संघर्ष कर रहे पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी कहते हैं कि पहले की सरकारों में अल्पसंख्यक आयोग के अलावा अल्पसंख्यकों से जुड़े विभिन्न पदों पर अध्यक्ष अपर कास्ट के हुआ करते थे जिनकी वजह से पसमांदा मुसलमानों की समस्याओं पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता था जबकि शिकायतें पहले भी आयोग के पास प्राप्त होती रही हैं. लेकिन अब योगी हुकूमत में पसमांदा समाज के लोगों को तरजीह दी जा रही है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में भी अशफाक सैफी को चेयरमैन बनाया गया है. जिसकी वजह से पसमांदा मुस्लिम समाज का भरोसा जग रहा है और लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ पसमांदा समाज से आने वाले इलियास मंसूरी का कहना है कि पिछली सरकारों में पसमांदा मुस्लिम समाज की आवाज को दबाया जाता था लेकिन इस सरकार में पसमांदा मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों को आगे बढ़ाया जा रहा है उन्होंने दानिश अंसारी की मिसाल देते हुए कहा कि पसमांदा समाज से आने वाले दानिश अंसारी को सरकार ने मंत्री के पद से नवाजा है यह सरकार का बड़ा कदम है. उससे कहीं ना कहीं प्रभावित होकर पसमांदा मुस्लिम समाज के लोग अब अपनी समस्याओं को लेकर अल्पसंख्यक आयोग पहुच रहे है और उनको भरोसा है कि उनकी समस्याओं का हल निकलेगा.

भाजपा की पासमन्दा समाज पर नज़र
भाजपा में कुछ रोज़ पहले हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वह समाज के सबसे पिछड़े तबके तक अपनी पहुंच बनाएं. उन्होंने कहा था केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों के कमजोर तबके तक भी हमें पहुंच बनानी चाहिए. अल्पसंख्यक समुदाय का जिक्र करते हुए उन्होंने ''पसमांदा मुस्लिमों की मिसाल दी थी तो यूपी में भी योगी हुकूमत ने मोहसिन रज़ा की जगह पर मुस्लिम समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले पसमांदा समुदाय से आने वाले दानिश आजाद अंसारी को मंत्री पद से नवाजा था. इतना ही नहीं यूपी के आजमगढ़ और रामपुर में पिछले दिनों हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने जीत दर्ज की थी. दोनों सीटों पर मुस्लिम वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है. इस जीत को भी भाजपा की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

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