Quran Burning: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में बकरीद के दिन सलमान मोमिका ने कुरान के कुछ पन्नों को जलाया था. इसके बाद सभी मुस्लिम देशों ने स्वीडन की कड़ी निंदा की थी. अब डेनमार्क में कुरान जलाने का मामला सामने आया है. इस मुस्लिम देश ने डेनमार्क को ये बड़ी बात कही है.
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Quran Burning: पिछले महीने बकरीद के दिन स्टॉकहोम में कुरान जलाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कुरान जलाने का मामला सामने आया है. इसको लेकर UAE ने डेनमार्क में चरमपंथियों द्वारा पवित्र कुरान की एक प्रति जलाने की कड़ी निंदा की है.
जानकारी के लिए बता दें कि विदेश मंत्रालय ने डेनमार्क सरकार से इन कार्रवाइयों को रोकने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया है. मंत्रालय ने नफरत फैलाने वाले भाषण की निगरानी के महत्व पर जोर दिया जो शांति और सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.
मंत्रालय ने मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों के उल्लंघन में सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने के उद्देश्य से सभी प्रथाओं को UAE द्वारा अस्वीकार करने पर जोर दिया है. मंत्रालय ने पुष्टि की है कि नफरत भरे भाषण और उग्रवाद लोगों के बीच सहिष्णुता, एक दुसरे का सहयोग करता हुए और शांति के मूल्यों को फैलाने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का खंडन करते हैं.
इसके अलावा, मंत्रालय ने ऐसे समय में धार्मिक प्रतीकों का सम्मान करने और ध्रुवीकरण से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया है. आगे मंत्रालय ने कहा कि "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सहिष्णुता और शांतिपूर्ण एक दुसरे का सहयोग करते हुए सार्वभौमिक सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है."
मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि आपकी स्थिरता और सतत विकास को प्राप्त करने के लिए इन सिद्धांतों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और लागू किया जाना चाहिए.
इससे पहले भी जलाई गई है कुरान
डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में सलमान मोमिका ने तुर्की दूतावास के बाहर एक मस्जिद के पास पवित्र कुरान की प्रतियां जला दीं गई थी. इस घटना के बाद तुर्की ने डेनमार्क के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया था. तुर्कि के अधिकारियों ने इस घटना की निंदा की और इसे हेट क्राइम बताया था. तुर्की का कहना था कि डेनमार्क में इस तरह से विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए.
आपको बता दें कि बकरीद के दिन स्वीडन के स्टॉकहोम में कुरान जलाई गई थी. उस समय तुर्की के राष्ट्रपति आर्दोआन ने स्वीडन को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि "ऐसी घटनाओं के बाद स्वीडन यह न सोचे कि उसे नाटो के लिए हमारा समर्थन मिलेगा."
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