प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के जरिए उठाए गए इस कदम में अब उद्योग जगत और सभी हितधारकों की बहुत बड़ी भूमिका है. नई नीति कचरे से कंचन के अभियान (वेस्ट टू वेल्थ) और चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी है.
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गांधीनगरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘‘वाहन स्क्रैपिंग नीति’’ की शुरुआत करते हुए इसे ‘‘कचरे से कंचन के अभियान’’ और चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक ‘‘अहम कड़ी’’ करार दिया. मोदी ने कहा कि यह नीति देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. गुजरात में निवेशक सम्मेलन को खिताब कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आज का यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पाने करने की दिशा में एक और अहम कदम है. यह सम्मेलन वाहन स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने पर निवेश आमंत्रित करने के लिए आयोजित किया गया है. इस अवसर पर अपने खिताब में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज देश वाहन स्क्रैपिंग नीति लॉन्च कर रहा है. यह नीति नए भारत की गतिशीलता को और ऑटो क्षेत्र को नई पहचान देने वाली है. देश में अनफिट वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से सड़कों से हटाने में यह नीति बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी. इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा किया जा रहा है.
We're about to enter 75th year of Independence. The next 25 years are very important for the country, from this point onward. In these 25 years, changes are going to take place in our way of working, in our daily lives, in our businesses: PM Modi at The Investor Summit, Gujarat pic.twitter.com/ny9gtWACLT
— ANI (@ANI) August 13, 2021
यह नीति देश में 10,000 करोड़ का निवेश लाएगी
मोदी ने कहा कि देश के करीब-करीब हर नागरिक, उद्योग और हर क्षेत्र में इससे सकारात्मक बदलाव आएगा. देश की अर्थव्यवस्था के लिए गतिशीलता को बहुत बड़ा कारक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गतिशीलता में आई आधुनिकता यात्रा और परिवहन का बोझ तो कम करती ही है, आर्थिक विकास के लिए भी मददगार साबित होती है. उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी का भारत स्वच्छ, भीड़-भाड़ रहित और सुविधाजनक गतिशीलता का लक्ष्य लेकर चले, यह आज वक्त की मांग है.’’उन्होंने कहा, ‘‘नई नीति कचरे से कंचन के अभियान (वेस्ट टू वेल्थ) और चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी है. उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, यह नीति देश में 10,000 करोड़ का निवेश भी लाएगी. इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे.
Scrappage Policy को समझिए
Scrappage Policy के तहत 15 साल से ज्यादा की Government और Commercial गाड़ियों को स्क्रैप करने की योजना है. 20 साल से ज्यादा पुरानी Private गाड़ियां भी स्क्रैप की जाएंगी. पुरानी गाड़ियों को Re-Registration से पहले फिटनेस टेस्ट पास करना होगा और Automated Fitness Centre पर पुरानी गाड़ियों की जांच होगी. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार गाड़ियों की Fitness जांच की जाएगी. Emission Test, ब्रेकिंग सिस्टम, Safety Components की जांच की जाएगी और Fitness Test में फेल होने वाली गाड़ियों को स्क्रैप कर दिया जाएगा.
Scrappage Policy की जरूरत क्यों?
भारत में 51 लाख हल्के मोटर वाहन हैं जो 20 साल से ज्यादा पुराने हैं और 34 लाख ऐसे हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं. लगभग 17 लाख Medium और Heavy Commercial Vehicle हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और जरूरी Fitness Certificate के बिना चल रहे हैं. Scrap Policy इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं.
अभी पॉलिसी अनिवार्य नहीं
आपको बता दें कि बजट के बाद सड़क और परिवहन मंत्री (Union Minister for Road, Transport and Highways Minister) नितिन गडकरी ने लोकसभा में इस पॉलिसी को लेकर जानकारियां साझा की थी इसके बाद पॉलिसी के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. हालांकि नई स्क्रैपेज पॉलिसी वॉलिंटियरी है. मतलब ये कि आपको अपनी कार पॉलिसी के तहत स्क्रैप के लिए देनी है या नहीं, ये आप तय करेंगे. इस पॉलिसी के तहत एक तय समय में गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट अनिवार्य किया गया है.
पुरानी कार स्क्रैप में देने पर होंगे ये 4 फायदे
इस पॉलिसी को पॉपुलर बनाने के लिए सरकार ने कई तरह की सुविधाएं दी है. पीएम मोदी ने कहा कि इस पॉलिसी से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से बहुत लाभ होगा. सबसे पहला लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा. ये सर्टिफिकेट जिसके पास होगा उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा. इसके साथ ही उसे रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी. दूसरा लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी की मैंटेनेंस कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, fuel efficiency, इसमें भी बचत होगी. तीसरा लाभ सीधा जीवन से जुड़ा है, पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नॉलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी. चौथा, इससे हमारे स्वास्थ्य प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें कमी आएगी.
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