NC on Jammu and Kashmir Holidays: साल 1931 में डोगरा महाराजा के सैनिकों की गोलियों से शहीद हुए 23 सैनिकों की याद में 13 जुलाई को जम्मू कश्मीर में सार्वजनिक छुट्टी रहती थी.
Trending Photos
NC on Jammu and Kashmir Holidays: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 1931 के शहीदों की याद और पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती को छुट्टियों की लिस्ट में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन उपराज्यपाल ने इस मांग को खारिज कर दिया. अब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उपराज्यपाल के फैसले पर निराशा जताई है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने 29 दिसंबर की देर रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज की छुट्टियों की लिस्ट और फैसला कश्मीर के इतिहास और लोकतांत्रिक संघर्ष के प्रति बीजेपी उपेक्षा को दर्शाता है.’’ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस महीने की शुरुआत में संकेत दिया था कि आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद हटाई गई छुट्टियां बहाल की जाएंगी.
शेर-ए-कश्मीर की कम नहीं होगी विरासत- NC
सादिक ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और 13 जुलाई के शहीदों जैसे नेताओं की याद में छुट्टियां शामिल की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होने से उनका महत्व या हमारी विरासत कम नहीं होगी. ये छुट्टियां एक दिन फिर से शुरू की जाएंगी.’’
कब खत्म हुई छुट्टियां
साल 1931 में डोगरा महाराजा के सैनिकों की गोलियों से शहीद हुए 23 सैनिकों की याद में 13 जुलाई को जम्मू कश्मीर में सार्वजनिक छुट्टी रहती थी, जबकि 5 दिसंबर को NC के संस्थापक शेख अब्दुल्ला की जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश होता था. साल 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा दोनों छुट्टियों को समाप्त कर दिया गया था. उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा 2025 के लिए घोषित सार्वजनिक अवकाशों की सूची में ये दिन शामिल नहीं हैं.
जम्म-कश्मीर में किसकी है सरकार
जम्मू-कश्मीर विधानसभा इलेक्शन 2024 में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें मिली हैं और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इस इलेक्शन में बीजेपी को 29, पीडीपी को 03 और कांग्रेस को 06 सीटें मिली हैं. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की अगुआई में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अपना चुनावी घोषणापत्र दिया था.