Uddhav Thackeray Birthway: उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच अदालत में 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई चल रही है. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 62वें जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं दीं.
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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 62वें जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं तो दीं, लेकिन साथ ही चुटकी ले ली. शिंदे ने अपने बधाई संदेश में ठाकरे को शिवसेना प्रमुख कह कर संबोधित नहीं किया.
दरअसल पिछले महीने, शिंदे और शिवसेना के 39 दूसरे विधायक और 10 निर्दलीय विधायकों ने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था जिससे महाराष्ट्र की शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाडी सरकार गिर गई थी जिसका नेतृत्व उद्धव कर रहे थे.
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अपने बधाई संदेश में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को महाराष्ट्र का पूर्व मुख्य मंत्री तो कहा, लेकिन सेना चीफ कह कर मुखातिब नहीं किया. शिंदे ने बुधवार को ट्वीट किया, “पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं. मैं उनके दीर्घायु होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.'
महाराष्ट्राचे माजी मुख्यमंत्री माननीय श्री.उद्धवजी ठाकरे यांना वाढदिवसाच्या हार्दिक शुभेच्छा. त्यांना निरोगी दीर्घायुष्य लाभो हीच आई जगदंबेच्या चरणी प्रार्थना....
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) July 27, 2022
पार्टी ने करीब 39 विधायकों ने पाला तो बदल ही लिया था, लेकिन अब हाल में, शिवसेना के 19 में से 12 लोकसभा सदस्यों ने भी शिंदे गुट को समर्थन दिया है. शिंदे ने हाल में अपने गुट की एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाई है और उसके असली शिवसेना होने का दावा किया है. उद्धव गुट और शिंदे गुट के बीच अदालत में 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई चल रही है। इसके अलावा, दोनों ही गुट पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर भारत के निर्वाचन आयोग के समक्ष अपने अपने दावे पेश कर चुके हैं.
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गौरतलब है कि अब उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पार्टी पर कब्जा करने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच अदालत में 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई चल रही है. इसके अलावा, दोनों ही गुट पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के समक्ष अपने अपने दावे पेश कर चुके हैं.
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