Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत की अर्थव्यवस्था के श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह मंदी की चपेट में फंसने की आशंकाओं को खारिज कर दिया है और कहा है कि देश पर ऐसा कोई खतरा नहीं है.
Trending Photos
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के मंदी के चंगुल में फंसने के आशंकाओं को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन जंग और आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली बाधाओं के बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी है. उन्होंने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति को सात फीसदी से नीचे लाने की कोशिश की जा रही है. लोकसभा में महंगाई के विषय पर सोमवार को हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि मुश्किल दौर में पूरा मुल्क एक होकर खड़ा हुआ और यही वजह है कि आज हम बाकी दुनिया के मुकाबले मजबूत स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि इसका क्रेडिट जनता को दिया जाना चाहिए.
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था
निर्मला सीतारमण ने कहा कि गुजिश्ता दो साल से लगातार विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसी एजेंसियां जहां दुनिया की खराब आर्थिक हालात की बात कर रही हैं, वहीं उनका कहना है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. सीतारमण ने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के कई कदमों की वजह से मुल्क के हालत कई अन्य देशों से अच्छी है.निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की एक टिप्पणी जवाब देते हुए कहा कि भारत के मंदी के दौर में जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता, जबकि दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर पहुंच चुकी हैं.
भारत का कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद पहले से बेहतर
सीतारमण ने कहा कि खबरों के मुताबिक, चीन में 4,000 से ज्यादा बैंक दिवालिया होने के कगार पर हैं, जबकि भारत में व्यावसायिक बैंकों की एनपीए में सुधार हुआ है, और यह छह साल के सबसे कम स्तर 5.9 फीसदी पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि भारत का कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में 56.21 है जो दुनिया के कई देशों से बहुत कम है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय कोई ऐसा संकट नहीं था, जैसी संकट का अभी सरकार सामना कर रही है.
पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बयान का किया जिक्र
सीतारमण ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के हालिया बयान का भी जिक्र किया है, जिसमें राजन ने कहा था कि रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने में अच्छा काम किया है और उसकी स्थिति श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों जैसी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने यह भी कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति पूरी दुनिया में कम हो रही है और यह भारत में भी कम होगी. वित्त मंत्री ने कच्चे पाम तेल, सनफ्लॉवर और सोयाबीन तेल के आयात पर सीमा शुल्क कम करने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार कोशिश कर रही है कि जनता को सस्ता खाद्य तेल मिले.
ऐसी ही खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in