अजमेर पुलिस ने इन भडकाऊ बयानों के मामलों में तीन आरोपी खादिमों सहित तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद वहां आने वाले पर्यटकों की तादाद में 30 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है.
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जयपुरः हाल ही में अजमेर दरगाह के कुछ खादिमों द्वारा दिए गए कथित विवादास्पद और भड़काऊ बयानों ने लगभग 800 साल पुरानी अजमेर दरगाह की धर्म निरपेक्ष छवि को धूमिल कर दिया है. इस वजह से यहां आने वाले पर्यटकों की तादाद में गिरावट दर्ज की गई है. इसके बाद डैमेज कंट्रोल करने के लिए विश्वास बहाली के उपाय शुरू किए गए हैं. एक खादिम ने बताया, ‘‘नियमित रूप से यहां आने वालों की संख्या करीब 30 हजार है, लेकिन इसमें काफी गिरावट देखी गई है. अजमेर पुलिस ने विभिन्न भडकाऊ भाषण के मामलों में तीन आरोपी खादिमों और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
इस बात को लेकर दिया था विवादास्पद ब्यान
उल्लेखनीय है कि अजमेर दरगाह के एक खादिम ने इस्लाम का कथित अपमान करने की आरोपी नुपूर शर्मा का सिर काटने और उनका समर्थन करने वाले दरगाह के बाजार में हिंदू दुकानदारों का आर्थिक बहिष्कार करने के लिए बयान दिया था.
दरगाह के आसपास करीब 10,000 दुकानें
दरगाह के आसपास करीब 10,000 दुकाने, भोजनालय, गेस्ट हाउस और होटल हैं और अधिकतर दुकानों का संचालन हिंदू करते हैं. स्थानीय बाजार संघ के अध्यक्ष और दरगाह बाजार में एक होटल चलाने वाले होतचंद ने कहा कि ‘‘इस तरह के विवादास्पद बयानों के कारण बाजार में कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. होटलों में बुकिंग रद्द कर दी गई और आगंतुकों की संख्या में कमी आई है. खादिमों के भाषणों से हर दुकानदार को नुकसान हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि इन भाषणों के कारण लोग और दुकानदार भयभीत है, और पिछले 15 दिनों में दुकानों में बिक्री में 70-80 प्रतिशत की गिरावट हुई है.
दरगाह पर देश -दुनिया से आती हैं कई बड़ी हस्तियां
दरगाह में दुनिया के कई हिस्सों से कई विदेशी राष्ट्र प्रमुख, राजनेता, राजनयिक, मशहूर हस्तियां, व्यापारी अक्सर आते रहते हैं. मौजूदा माहौल पर चिंता जताते हुए अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि किसी को भी ऐसा भडकाऊ भाषण देने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए जिसमें हिंसा की बात हो. अभिनेता ने कहा, ‘‘अजमेर एक पवित्र भूमि रही है और ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की शिक्षाओं के लिए जानी जाती हैं इस जगह की गरिमा को हर किसी को बनाए रखना है. स्थानीय मुस्लिम नेता मुजफ्फर भारती ने कहा कि दरगाह पर कोई भेदभाव नहीं है और सभी धर्मो और समाज के लोग दरगाह पर आते हैं और कुछ लोगों के व्यक्तिगत विचारों को अजमेर दरगाह के संदेश के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
भाषण से अजमेर दरगाह की पवित्रता को ठेस पहुंची है
इसे देखते हुए हितधारकों ने अजमेर में हाल ही में एक सर्वधर्म शांति मार्च का आयोजन किया और दरगाह को इस माहौल से अलग रखने की चेतावनी जारी की है. दरगाह की धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखने के लिये संयुक्त बैठक जैसे विश्वास निर्माण की उपाय शुरू किए गए हैं. आल इंडिया सूफी सज्जादनाशिन परिषद के अध्यक्ष नसीरूद्दीन चिश्ती ने बताया कि ‘’17 जून को अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार से दिए गए भडकाऊ भाषण से अजमेर दरगाह की पवित्रता को ठेस पहुंची. यह कृत्य अत्यधिक निंदनीय था क्योंकि इस स्थान की एक पावित्रता है और सबको इसे बनाए रखना चाहिए.’’
अजमेर में सर्वसमाज शांति मार्च निकाला
दरगाह कमेटी के उपाध्यक्ष मुनावर खान ने कहा कि दरगाह कमेटी ने दरगाह में विवादित भाषण देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा, ‘‘शनिवार को एक संयुक्त बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि दरगाह से जुडा कोई भी शख्स ऐसा कुछ भी जारी नहीं करेगा जो ख्वाजा साहब की शिक्षाओं के विपरीत हो और मुल्क की शांति और समृद्धि में बाधा पैदा करता हो.’’ अजमेर के जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि मंगलवार को अजमेर में सर्वसमाज शांति मार्च निकाला गया था जिसमें हिंदू और मुस्लिम समाज के विभन्न समुदायों के धर्मगुरूओं ने भाग लिया था.
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