ममता बनर्जी को मात देने के बाद से शुभेंदु अधिकारी का कद बढ़ गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि दिलीप घोष को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है.
Trending Photos
नई दिल्ली: Cabinet Expansion: हाल ही में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं. भाजपा को उम्मीदों के मुताबिक नंबर्स नहीं मिले. ममता बनर्जी ने ना सिर्फ वापसी की, बल्कि चुनाव के बाद भाजपा में तोड़-फोड़ की भी कोशिश की. अब जब मोदी कैबिनेट में विस्तार की चर्चा चल रही है, तो पश्चिम बंगाल का भी दावा मजबूत बताया जा रहा है. चुनाव के बाद कई ऐसे नेता हैं, जिन्हें स्थान देना है. इसमें कई बड़े नाम हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन से चहरे प्रमुख हैं...
दिलीप घोष को मिल सकता है मौका
भाजपा के बंगाल प्रदेश के अध्यक्ष दिलीप घोष को सबसे बड़ा दावेदार बताया जा रहा है. वह लगभग एक दशक से बंगाल में सक्रिय हैं. उनके नेत्तृव में भाजपा तीसरे नंबर की पार्टी से मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई और वामपंथ के गढ़ में भगवा लहराने में एक हद तक सफलता हासिल की. दिलीप घोष संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं. वह पूर्व सरसंघचालक केएस सुदर्शन के सहायक के तौर पर भी काम कर चुके हैं. फिलहाल, बंगाल में शुभेंदु अधिकारी की एंट्री के बाद से बंगाल भाजपा के नेत्तृव में खींचतान की बातें कही जा रही हैं. ममता बनर्जी को मात देने के बाद से शुभेंदु अधिकारी का कद बढ़ गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि दिलीप घोष को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरुआत में उनको ये ऑफर दिया गया था, लेकिन तब उन्होंने संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- चुनावी रणनीतिकार अमिताभ तिवारी कहते हैं कि दिलीप घोष को मंत्री बनाए जाने की संभावना है. क्योंकि शुभेंदु अधिकारी के आने के बाद भाजपा नहीं चाहेगी कि बंगाल में गुटबाजी हो. फिलहाल, बंगाल में चुनाव में भी काफी समय है. ऐसे में स्थिति को सही करने के लिए दिलीप घोष को मंत्रालय दिया जा सकता है.
लॉकेट चटर्जी भी हैं दावेदार
चुनाव के विशेषज्ञ बताते हैं कि बंगाल में हार के पीछे महिला वोट भी रहा. टीएमसी को महिला चेहरा होने का फायदा मिला. ऐसे में भाजपा हुगली से सांसद लॉकेट चटर्ची को प्रमोट कर रही है. साल 2015 में टीएमसी से राजनीति करियर की शुरुआत करने वाली लॉकेट का नाता फिल्मी दुनिया से रहा है. हालांकि, भाजपा बंगाल में उन्हें महिला चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है. विधानसभा में वह चुचार से लड़ी, लेकिन हार गईं. फिर भी वह सांसद हैं. माना जा रहा है कि भाजपा मंत्रालय में शामिल करके एक संदेश दे सकती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- भाजपा को करीब से जानने वाले और वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं कि लॉकेट की संभावना है. दरअसल, भाजपा उन्हें ममता के सामने खड़ा कर सकती है, जैसे स्मृति ईरानी को राहुल गांधी के सामने किया गया. हालांकि, उनका नाम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी चल रहा है. वहीं, अमिताभ कहते हैं कि वह चुनाव हार कर आ रही हैं. ऐसे में प्रमोशन के चांस कम हैं. लेकिन वह भद्रलोक से आती हैं, इसका फायदा मिल सकता है.
मतुआ के सहारे शांतनु ठाकुर
विधानसभा में मतुआ समुदाय को लेकर खूब हल्ला मचा. शांतनु ठाकुर इस समुदाय से आते हैं. भाजपा लगातार इस समुदाय को साधने की कोशिश कर रही है. इसके तहत ही शांतनु को बनगांव लोकसभा से टिकट दिया गया था और वो जीत भी गए थे. हालांकि, विधानसभा चुनावों के बाद से शांतनु कई बार नाराजगी जता चुके हैं. बताया जा रहा है कि शांतुन के लिए भी बड़ा मौका है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- अमिताभ मानते हैं कि मतुआ को लेकर हाईप खड़ा किया गया. वह कहते हैं कि सिर्फ 30 ऐसी सीटें हैं, जहा मतुआ का प्रभाव है. 294 में 30 संख्या बहुत बड़ी नहीं है. ये बहुत विभाजित मत है. ऐसा नहीं है कि मतुआ ने भाजपा को एकमुश्त वोट किया है. उनका वोट विभाजित हुआ है. ऐसे में शांतनु की दावेदारी बहुत भारी नहीं लगती है.
शुभेंदु अधिकारी को लेकर भी चर्चा
चुनाव से पहले भाजपा ने जिन बड़े टीएमसी नेताओं को तोड़ने में कामयाबी हालिस की. उनमें सबसे बड़ा नाम शुभेंदु अधिकारी का है. नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराने के बाद से उनका कद बढ़ गया है. शुभेंदु को जनाधारा वाला नेता कहा जाता है. कॉलेज पॉलिटिक्स से राजनीति में दस्तक देने वाले शुभेंदु को असली पहचान नंदीग्राम आंदोलन से मिली. कहा जाता है ममता बनर्जी आगे से अगुवाई कर रही थीं, तो शुभेंदु पीछे शिल्पी की भूमिका में थे. ममता सरकार में वह परिवहन, जल संसाधन और विकास विभाग तथा सिंचाई एवं जलमार्ग जैसे मंत्रलाय संभाल चुके हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- प्रदीप सिंह कहते हैं कि पहली बात कि शुभेंदु सांसद नहीं है और वे इस वक्त बंगाल की राजनीति में सक्रिय हैं. ऐसे में वह शायद ही केंद्र में आने को तैयार हों. अमिताभ भी इस बात पर सहमति जताते हैं और कहते हैं कि शुभेंदु अभी बंगाल पर फोकस करेंगे.
अन्य राज्यों की स्थिति
उत्तर प्रदेश और बिहार- उत्तर प्रदेश और बिहार के हिस्से कई सीटें जाने की संभवना जताई जा रही है. यूपी से अनुप्रिया पटेल सबसे मजबूत विकल्प मानी जा रही हैं. इसके अलावा कई अन्य बड़े चहरों को भी मौका मिल सकता है.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़- मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे आगे चल रहा है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह भी कैबिनेट की दौड़ में शामिल हैं. उनके साथ सरोज पाण्डेय भी रेस में शामिल हैं.
महाराष्ट्र- महाराष्ट्र नारायण राणे के मंत्री बनने की चर्चा सबसे ज्यादा है. कभी शिवसेना, तो कभी कांग्रेस के साथ रहने वाले राणे फिलहाल भाजपा के साथ हैं. वहीं, सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए दो और भी नाम चर्चा में चल रहा है. प्रीतम मुंडे और हिना गावित.
अन्य राज्य- पंजाब में चुनाव होने वाले हैं. पंजाब से राज्यमंत्री सोमनाथ को प्रमोशन मिल सकता है. उत्तराखंड से अनिल बलूनी और अजय टम्टा के नाम की चर्चा है.इसके अलावा लद्दाख से सांसद जामयांग नामग्याल, भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम, राजस्थान से राहुल कासवान और हरियाणा से सुनीता दुग्गल का नाम पर चर्चा चली रही है.
ZEE SALAAM LIVE TV