Rampur By Election: कौन हैं SP के आसिम रजा? पूर्व सपा नेता से ही लड़नी होगी "चुनावी जंग"
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Rampur By Election: कौन हैं SP के आसिम रजा? पूर्व सपा नेता से ही लड़नी होगी "चुनावी जंग"

Rampur By Election: जहां तक ​​घनश्याम सिंह के राजनीतिक सफर की बात है तो वह 1992 से 1998 तक भाजपा की युवा शाखा के जिलाध्यक्ष रहे. 1999 में, उन्होंने भाजपा छोड़ दी और बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए.

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Rampur Loksabha By Election: उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव 23 जून को हैं.  रामपुर से आज़म खान ने अपने-अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था.  जिसके बाद लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. यह सीट काफी अहम मानी जाती है क्योंकि ये समाजवादी पार्टी के लोकप्रिय नेता आज़म खान की सीट है. यही वजह है कि बीजेपी ने आजम खान के ही करीबी रहे घनश्याम लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है. 

हालांकि रामपुर सीट पर बसपा ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. तो वहीं समाजवादी पार्टी ने भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. सपा नेता आजम खान ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद खुद प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया. लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने आसिम रजा को मैदान में उतारा है. आसिम रजा ने नामांकन दाखिल कर दिया है.

कौन हैं बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम लोधी

जहां तक ​​घनश्याम सिंह के राजनीतिक सफर की बात है तो वह 1992 से 1998 तक भाजपा की युवा शाखा के जिलाध्यक्ष रहे. 1999 में, उन्होंने भाजपा छोड़ दी और बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने 2004 में बहुजन समाज पार्टी छोड़ दी और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी में शामिल हो गए, और 2009 में फिर से बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. फिर घनश्याम सिंह 2010 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और जनवरी 2022 में वे अपनी सबसे पुरानी पार्टी भाजपा में फिर से शामिल हो गए, जिसके साथ उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. घनश्याम सिंह लोधी दो बार विधान परिषद चुने जा चुके हैं. सबसे पहले वह समाजवादी पार्टी के समर्थन से कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के टिकट पर रामपुर-बरेली स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से 2004 में एमएलसी बने थे. इसके बाद इसी क्षेत्र से 2016 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर एमएलसी बने. वर्ष 2016 में आजम की वजह से ही सपा ने घनश्याम सिंह लोधी को एमएलसी चुनाव लड़ाया.

रामपुर में पहली बार उपचुनाव

सियासत में रामपुर की सीट हमेशा से काफी चर्चा में रही है. सपा नेता आजम खां के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रामपुर संसदीय सीट खाली हो गई थी. आजादी के बाद रामपुर में ऐसा पहली बार होगा, जब यहां लोकसभा की सीट के लिए उपचुनाव होगा. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा के इस सीट पर उपचुनाव मे कौन बाज़ी मारता है. क्योंकि मुकाबला देखा जाए तो एसपी और बीजेपी में ही नज़र आ रहा है.

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