'कुछ लोगों की कमाई का जरिया बन कर रह गया है असम वक्फ बोर्ड'
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'कुछ लोगों की कमाई का जरिया बन कर रह गया है असम वक्फ बोर्ड'

जी सलाम ने असम वक्फ बोर्ड में चेयरमैन न होने और इसमें घोटाला होने की खबर चलाई थी. इसका असर ये हुआ है कि एक शख्स ने अब असम के मुख्यमंत्री को खत लिखकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है.

'कुछ लोगों की कमाई का जरिया बन कर रह गया है असम वक्फ बोर्ड'

गुवाहाटी से शरीफ उद्दीन अहमद: असम वक्फ बोर्ड में पिछले पांच सालों से कोई भी चेयरमैन नहीं है. बोर्ड में कई घोटाले भी हुए हैं. इसकी खबर जी सलाम पर साल 2021-2022 में चल चुकी है. उस खबर से मुतास्सिर होकर असम गोरिया मोरिया युवा छात्र परिषद मुस्लिम संगठन के पूर्व अध्यक्ष अशरफ अली ने सीएम विजिलेंस में एक केस दर्ज किया था. केस दर्ज होने के बाद आज तक वक्फ बोर्ड पर एक दो बार इंक्वायरी हुई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

सीएम विजिलेंस ने वक्फ बोर्ड के इस मामले में वक्फ बोर्ड को ही इंक्वायरी करने की जिम्मेदारी दी है.

मामले में कोई कार्रवाई न होने पर अशरफ अली ने आज असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा के ऑफिस जाकर फिर से इस मामले पर एक लेटर दिया. लेटर में कहा गया है कि "असम के वक्फ बोर्ड में पिछले कई सालों से घोटाले हो रहे हैं और साथ ही साथ आज तक बोर्ड का चेयरमैन भी नहीं दिया गया है. इस मामले पर मुख्यमंत्री खुद इंक्वायरी करें क्योंकि हमने तो सीएम विजिलेंस में इंक्वायरी के लिए अपील की थी वहां से दो एक बार कार्रवाई के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. हालांकि बोर्ड को ही इंक्वायरी की जिम्मदेदारी दी गई है.

जी सलाम ने अशरफ अली से बातचीत की. अशरफ अली ने साफ तौर से कहा है कि "जी सलाम ने वक्फ बोर्ड की जो खबर चलाई थी. उस पर मैंने साल 2021 में सीएम विजिलेंस पर एक केस दर्ज किया था. उसके मुझे सीएम विजिलेंस में दो बार बुलाया गया था और इंक्वायरी हुई थी. लेकिन उसके बाद से कोई इंक्वायरी नहीं हो रही थी. फिर मुझे वक्फ बोर्ड की तरफ से एक लेटर मिली. उस लेटर में लिखा था कि सीएम विजिलेंस ने हमें इस इंक्वायरी का दायित्व दिया है, तो मैं चौक गया और सोचा कि जिसके ऊपर कार्रवाई की उसी को इंक्वायरी का दायित्व देना यह ठीक नहीं है. इसीलिए आज मैंने असम के मुख्यमंत्री हेमंत शर्मा को ऑफिस जाकर इस मामले पर इंक्वायरी करने के लिए एक लेटर दिया है."

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उन्होंने आगे कहा कि "आज मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं कर पाया क्योंकि मुख्यमंत्री दिल्ली में कैबिनेट बैठक कर रहे हैं. इसलिए ऑफिस में ही लेटर दिया. साथ ही साथ असम के मुख्यमंत्री को उनके पर्सनल व्हाट्सएप मोबाइल नंबर पर भी लेटर भेजा है."

अशरफ अली का कहना है कि "आशा करता हूं कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिश्वा सरमा वक्फ बोर्ड के ऊपर खुद इंक्वायरी करेंगे और यहां के जो मुसलमान हैं उनको वक्फ बोर्ड के तरफ से जो सहायता मिलनी चाहिए था वह में जरूर दिलाएंगे. नहीं तो वक्फ बोर्ड की करोड़ों की प्रॉपर्टी और जो जमीनें हैं उनका जो इनकम है वह सिर्फ वक्फ बोर्ड के कर्मचारी खाते आ रहे हैं और खाते रहेंगे."

अशरफ अली ने कहा कि "अगर मुख्यमंत्री इस पर इंक्वायरी करते हैं तो हमारे आसाम के मुसलमानों को वक्फ बोर्ड से सहायता मिल सकेगी और वक्फ बोर्ड को नई चेयरमैन मिलेगी. चेयरमैन मिलने के बाद ही बोर्ड सही तरीके से चल पाएगी नहीं तो वक्फ बोर्ड कुछ वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों का सिर्फ एक इनकम का जरिया होगा.

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