अफगानिस्तान से तुर्की जा रहे राहत विमान की खबर फैलने के बाद हजारों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग काबुल हवाईअड्डे पर पहुंच गए थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें वहां से वापस लौटा दिया.
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इस्लामाबादः अपना देश, घर और इलाका हर किसी को प्रिय होता है, लेकिन अफगानिस्तान में फैली भूख, गरीबी और बदहाली से लोग इस कदर त्रस्त हैं कि वह किसी भी हाल में अपने देश से निकल जाना चाहते हैं. यहां तक कि लोग भूकंप से पीड़ित मुल्क तुर्की जाने को भी तैयार हैं. इसका अंदाजा एक हालिया घटना से बख्ूबी लगाया जा सकता है.
बुधवार को सोशल मीडिया पर एक खर फैल गई कि अफगानिस्तान से कुछ उड़ानें तुर्की जा रही हैं. इसपर वह लोग जा रहे हैं, जो तुर्की पहुंचकर भूकंप प्रभावित लोगों की वहां मदद करेंगे. सोशल मीडिया पर ये खबर फैलते ही भारी तादाद में औरतें, मर्द, बूढे़, बच्चे और जवान अपने नजदीकी एयरपोर्ट की तरफ दौड़ पड़े. इस तरह की कुछ तस्वीरें और वीडियोज भी सोशल मीडिया पर शेयर किए गए थे. हालांकि, जब लोग एयरपोर्ट तक पहुंचे तो उन्हें भारी निराशा का सामना कर वापस अपने घरों को लौटना पड़ा, क्योंकि वहां इस तरह का कोई उड़ान नहीं था जो तुर्की या सीरिया जा रहा हो. वहीँ, ये भी बेहद दिलचस्प है कि खुद दाने- दाने को मोहताज़ अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने भी तुर्किये को 10 मिलियन और सीरिया को 5 मिलियन अफगानी मुद्रा राहत पैकेज देने की घोषणा की है.
मदद के बहाने तुर्की में रहना चाह रहे थे रजि
काबुल निवासी 26 वर्षीय अब्दुल रजि ने कहा, “मैंने सुना है कि तुर्की भूकंप में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहा है, इसलिए मैंने सोचा कि मैं वहां जाकर मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करूंगा. इसके अलावा, यह मेरे लिए एक मौका भी हो सकता था कि इस देश से बाहर निकलने जाउं. रजि ने हवाई अड्डे के पास ठंडे मौसम में लगभग तीन घंटे तक इंतजार किया, जब तालिबान बलों ने उससे कहा कि तुर्की के लिए ऐसी कोई उड़ानें नहीं हैं, तो फिर वह घर वापस आ गया. अपने तीन बच्चों के साथ हवाई अड्डे पहुंचने वाली कुलसुम ने कहा कि वह ये सोचकर आई थी, उस उड़ान में सवार होकर वह तुर्की चली जाएगी ताकि वहां उसे कुछ काम मिल सके. जुनैद ने कहा कि वह तुर्की पहुंचकर लोगों की मदद करना चाहता था. उसके पास मदद के लिए पैसे नहीं है, तो वह अपनी जान से लोगों की सहायता करना चाहता था.
फेक वीडियो किया गया था शेयर
काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि ऐसी कोई उड़ान मौजूद नहीं थी. लोग अफवाह के कारण एयरपोर्ट की तरफ भाग रहे थे. सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर किया गया था, वह अगस्त, 2021 का था जब लोग तालिबान के कब्जे के डर से देश छोड़कर अमेरिका भागने के लिए दौड़ रहे थे. खालिद ने कहा कि गुरुवार सुबह तक स्थिति सामान्य हो गई थी. उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार ने एक बयान में इस त्रासदी के लिए तुर्की और सीरिया के प्रति संवेदना व्यक्त की है. सरकार ने तुर्किये को 10 मिलियन और सीरिया को 5 मिलियन अफगानी मुद्रा राहत पैकेज देने की घोषणा की है.
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