डोनाल्ड ट्रंप से इस बात का बदला लेगा ईरान; पूर्व विदेश मंत्री ने डर से मांगी अतिरिक्त सुरक्षा
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डोनाल्ड ट्रंप से इस बात का बदला लेगा ईरान; पूर्व विदेश मंत्री ने डर से मांगी अतिरिक्त सुरक्षा

ईरान अमेरिका द्वारा की गई अपने शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी का गम अभी भूला नहीं है. ईरान ने कहा है कि सुलेमानी की हत्या के लिए ट्रम्प के खिलाफ वह कानूनी लड़ाई जारी रखेगा. इस बीच अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री ने ईरान से डरकर खुद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग सरकार से की है. 

डोनाल्ड ट्रंप और कासिम सुलेमानी

तेहरानः एक ईरानी अफसर ने इस बात संकल्प लिया है कि ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले में न्याय मिलने तक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के खिलाफ ईरान कानूनी लड़ाई जारी रखेगा.  सुलेमानी की हत्या की जांच करने वाली एक विशेष कानूनी समिति के प्रमुख अब्बास अली कडखोदेई ने शनिवार को एक ट्विटर पोस्ट में कहा, "ट्रम्प और अन्य सभी आरोपियों पर ईरानी और इराकी अफसरों की हत्या के आरोप में मुकदमा चलाकर दंडित किया जाना चाहिए.

सुलेमानी की हत्या के लिए ट्रंप को दोषी मानता है ईरान 
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी की शुरुआत में पोम्पिओ ने कहा था कि वह सुलेमानी की हत्या के लिए ईरान द्वारा उनसे और ट्रम्प से बदला लेने की चेतावनी से खौफ में हैं. उन्होंने अमेरिकी सरकार से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की अपील की है. 3 जनवरी, 2020 को अमेरिकी सेना ने ट्रम्प के आदेश पर सुलेमानी और इराक के अर्धसैनिक बल हशद शाबी के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांडिस को बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक ड्रोन हमले में मार दिया था. इस हत्या की ईरान ने राज्य आतंकवाद कहते हुए निंदा की थी, और इसके लिए ट्रंप को दोषी बताया था. 

ईरान यूरोप के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की योजना की कर रहा तैयारी
वहीं, ईरान के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा है कि देश की संसद ने यूरोप के ईरान के घरेलू मामलों में दखल देने वाले व्यवहारों के खिलाफ कठोर जवाबी कार्रवाई करने के लिए एक योजना तैयार किया है. ईरानी संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति समिति के सद्र वाहिद जलालजादेह ने एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य यूरोपीय संघ के कुछ देशों के सशस्त्र बलों पर उनके दखल देने के व्यवहार के लिए जैसे को तैसा उपाय के रूप में प्रतिबंध लगाना है. जलालजादेह ने अपने तर्कहीन व्यवहार को जारी रखने के खिलाफ यूरोप को चेतावनी दी है. इससे पहले 19 जनवरी को यूरोपीय संसद ने ईरानी सुरक्षा गार्ड यानी आईआरजीसी को आतंकवादी समूह के रूप में नामित करने के लिए यूरोपीय संघ को बुलाने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

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