Maryam Nawaz: पाकिस्तान की सत्ता पर बैठे गठबंधन की मुख्य पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) में मरियम नवाज को लेकर तनाव का माहौल बना हुआ है. जानिए क्यों
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Muslim League Nawaz: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) वर्तमान में अपने सहयोगी पार्टियों के साथ सत्ता में है और पीएमएल-एन के नेता नवाज शरीफ इलाज के लिए ब्रिटेन में रह रहे हैं. चुनाव अभी दूर हैं, ऐसे में पार्टी ने व्यवहारिक तौर पर मरियम नवाज को पार्टी की कमान सौंपी है. वह वर्तमान में पार्टी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और चीफ ऑर्गनाइजर हैं. मरियम नवाज के जनवरी के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान लौटने की उम्मीद है.
हालांकि, उनकी वापसी से पहले, पीएमएल-एन के अंदर एक तरह की दरार पैदा हो रही है, जिससे यह धारणा बन रही है कि कुछ नेताओं को मरियम नवाज का इतना ताकतवर होना पसंद नहीं आ रहा है. पार्टी को खुद इस बात का अहसास हुआ कि पार्टी पर मरियम नवाज की पकड़ मजबूत है, जब उस वक्त पार्टी के प्रमुख नेता चौधरी निसार, जिन्हें नवाज शरीफ का दाहिना हाथ माना जाता था, ने खुले तौर पर मरियम नवाज के नेतृत्व को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
गृह मंत्री रहते हुए उन्होंने बयान दिया था कि 'मरियम नवाज के कट्टरपंथी बयानों से पार्टी में गतिरोध आ गया है.' दूसरे शब्दों में उन्होंने मरियम नवाज को कभी अपना नेता नहीं माना. हाल के दिनों में, जब पीएमएल-एन के लिए बुरा समय था और लगभग सभी दिग्गज नेता जेलों में थे, तो पार्टी दो धड़ों में बंटी हुई थी. एक तरफ शाहबाज शरीफ और दूसरी तरफ नवाज शरीफ. इसहाक डार, शाहिद खाकान अब्बासी, जावेद लतीफ और तलाल चौधरी उन लोगों में प्रमुख थे जिन्होंने नवाज शरीफ के पक्ष में खुलकर बात की थी.
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अब पार्टी के भीतर मरियम नवाज को सत्ता सौंपे जाने के बाद पीएमएल-एन में नए गठजोड़ देखने को मिल रहे हैं. शाहिद खाकान अब्बासी ने 2021 में बयान दिया था कि मरियम पीएमएल-एन की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं हैं, जिस पर पार्टी के भीतर भी कई आवाजें उठी थीं.
हाल ही में एक टीवी शो में जब होस्ट ने उनसे पूछा कि क्या मरियम नवाज की वापसी से पार्टी को फायदा होगा? तो उन्होंने सीधा जवाब देने के बजाय कहा कि 'नवाज शरीफ का आना निश्चित रूप से फायदेमंद होगा.' इसी तरह मिफ्ताह इस्माइल ने भी पीएमएल-एन के मरियम नवाज के पति कैप्टन (आर) सफदर को एक टीवी टॉक शो दिया. हंसते हुए सवाल टाल दिया युवा संगठन का अध्यक्ष बनाए जाने के संबंध में.
इन सब बातों के अलावा जब मरियम नवाज को पार्टी का मुख्य संगठक बनाया गया तो पहले से मौजूद नेतृत्व की तरफ से ज्यादा उत्साह नहीं जताया गया. वह वर्तमान में गृह मंत्री हैं और नवाज शरीफ और मरियम के काफी करीबी माने जाते हैं. पार्टी के अंदर मरियम नवाज के नेतृत्व को लेकर नेताओं की असल आपत्ति क्या है, इस बारे में पार्टी नेतृत्व खुलकर बात नहीं कर रहा है.
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पंजाब में पीएमएल-एन की प्रवक्ता उज्मी बुखारी का कहना है कि पार्टी एकजुट है और अटकलों से बचना चाहिए, मरियम साहिबा की वापसी पर लाहौर में गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा. इस संबंध में लाहौर में मीटिंग भी हुई और लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
पार्टी नेता मियां लतीफ का कहना है कि यह पार्टी मियां नवाज शरीफ की है और वह जो चाहेंगे वही होगा. इसलिए किसी को पसंद आए या न आए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. जब मरियम साहिबा को सीनियर उपाध्यक्ष बनाया गया तो पार्टी की राय ली गई, लेकिन उस समय कोई नहीं बोला.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मरियम नवाज ने अपने पिता का केस सार्वजनिक तौर पर लड़ा और पिता की कैद के दौरान बड़ी-बड़ी रैलियां कीं. पार्टी को अगर किसी चेहरे की जरूरत है तो वह नवाज शरीफ के बाद मरियम हैं.
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