काबुल में 18 जून को आतंकी हमला हुआ था. जिसमें काबुल का नंबर 1 गुरुद्वारा दशमेश पिता को भी भारी नुकसान पहुंचा था. इसी गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण के लिए तालिबान फंड कर रहा है.
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Afghan Gurdwara Terror Attack: अफगानिस्तान के काबुल (Kabul) में आतंकी हमले में नष्ट हुए गुरुद्वारा के पुनर्निर्माण में तालिबान (Taliban) पूरी मदद कर रहा है. तालिबान की तरफ से 40 लाख अफगानी रुपए की मदद पेश की गई है. बता दें कि काबुल में 18 जून को आतंकी हमला हुआ था. जिसमें काबुल का नंबर 1 गुरुद्वारा दशमेश पिता को भी भारी नुकसान पहुंचा था. इसी गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण के लिए तालिबान फंड कर रहा है. 2 महीने पहले ये हमला इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने किया था
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हिंदू-सिख सोसायटी के हेड राम सरन भसीन (Ram Saran Bhasin) ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा कि तालिबान के लोग खुद के इंजीनियर्स के साथ आए, नुकसान का आंकड़ा लगाया और कैलकुलेशन करके हमें पैसे दे दिए. उन्होंने कहा कि 'तालिबान ने 40 लाख अफगानी रुपए दिए है. पूरा पुनर्निर्माण उनके द्वारा फंड किया गया है. हमने इसके अलावा और कहां से फंड नहीं जुटाया है. ये गुरुद्वारा काबुल में करते परवान (Karte Parwan) में बनाया जा रहा है'. 18 जून के हमले में इसमें भीषण आग लग गई थी. जिसके बाद दमकल गाड़ियों ने गुरुद्वारा में लगी आग पर काबू पा लिया था लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था. राहत की बात है कि सिखों के पवित्र ग्रंथ को बिना किसी नुकसान के वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया था और उसे पड़ोस के एक सिख परिवार के घर में महफूज़ रख दिया गया था.
भसीन ने कहा कि काबुल में ये हमारा नंबर 1 गुरुद्वारा है और इसे जल्द से जल्द ठीक करके फिर से चलाना हमारी प्राथमिकता है. अगस्त के आखिर तक गुरुद्वारा पूरी तरह ठीक हो जाएगा. भसीन और सिख समुदाय के अन्य सदस्य गुरुद्वारा के पीछे ही रहते थे और वह सुबह अरदास के लिए वहां जा रहे थे, तभी उन्हें गोलीबारी और धमाकों की आवाज़ सुनाई दी. जैसे ही वे गुरुद्वारा में घुसने की कोशिश कर रहे थे तभी तालिबान के गार्ड्स ने उन्हें गुरुद्वारा में जाने से रोक लिया था. तभी वहां एक संदिग्ध खड़े वाहन में धमाका हो गया. भसीन ने कहा कि अगर हमें नहीं रोका जाता तो करीब 40 लोगों की मौत हो जाती. बता दें कि इस धमाके में 2 लोगों की मौत हुई थी.
हाल ही में गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (GPC) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह (Gurnam Singh) को अफ़ग़ानिस्तान से निकाला गया है और वो अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ दिल्ली पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि अब अफ़ग़ानिस्तान में लगभग 100 अफगान सिख और हिंदू रह गए हैं, जिनमें से लगभग 74 के पास भारत द्वारा जारी किए गए ई-वीज़ा है और 28 अभी भी भारत के एजेंट्स द्वारा वीज़ा जारी करने के इंतज़ार में हैं.
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