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कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पर बेचे जा रहे कुछ उत्पादों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें तुरंत हटाने को कहा है. दरअसल, अमेजन पर ऐसे बिकनी, ब्रीफ और डोरमैट्स (Bikinis, Briefs and Doormats) बेचे जा रहे हैं, जिन पर श्रीलंका का राष्ट्रीय ध्वज छपा है. श्रीलंका ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कंपनी से ऐसे उत्पादों को तुरंत हटाने को कहा है. इन उत्पादों को चीन (China) में तैयार किया गया है. श्रीलंका ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार के समक्ष भी अपना विरोध दर्ज करा दिया है.
श्रीलंका अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ ही बौद्ध प्रतीकों के दुरुपयोग को लेकर अत्यधिक संवेदनशील है. हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, श्रीलंका ने कहा है कि उसने ऑनलाइन रिटेलर के समक्ष औपचारिक विरोध दर्ज कराया है और चीनी अधिकारियों से ऐसे उत्पादों के निर्माण और बिक्री पर तत्काल रोक लगाने को कहा है. चीन में श्रीलंकाई दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘अमेजन पर बिक्री के लिए उत्पाद रखने वाली कंपनी को इस संबंध में एक पत्र भेजा गया है. कंपनी को बताया गया है कि ऐसे उत्पाद श्रीलंका के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हैं’.
वहीं, वॉशिंगटन में श्रीलंका के दूतावास ने कहा कि अमेरिकी सरकार से भी इस संबंध में शिकायत की गई है. यह दक्षिण एशियाई राष्ट्र के बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन है. हालांकि, ये बात अलग है कि श्रीलंका के विरोध के बावजूद विवादित उत्पाद बेचे जा रहे हैं. दर्जनों रिटेलर श्रीलंकाई राष्ट्रीय ध्वज वाली बिकनी, ब्रीफ और डोरमैट्स धड़ल्ले से बेच रहे हैं.
ई-कॉमर्स साइट Amazon पर कई चीनी विक्रेता श्रीलंकाई ध्वज वाले नॉन-स्लिप डोरमैट को 10 से 24 डॉलर में और बिकनी एवं ब्रीफ को 9.20 से 17.30 डॉलर में बेच रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर चीन की इस हरकत का विरोध हो रहा है. कई यूजर्स का कहना है कि चीन ने दर्शा दिया है कि वो श्रीलंका को किस नजरिये से देखता है. एक श्रीलंकाई यूजर ने लिखा है, ‘यदि हम चीन का कर्जा चुकाने में नाकाम रहते हैं, तो वह हमारे राष्ट्रीय ध्वज को टॉयलेट पेपर पर भी प्रिंट कर सकता है’.
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चीन ने श्रीलंका को खरबों रुपये का कर्ज दिया हुआ है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि 2016 में श्रीलंका द्वारा कर्ज नहीं लौटाने पर चीन ने हंबनटोटा बंदरगाह 99 सालों के लिए लीज पर ले लिया है. वहीं, श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में भी चीन एक टर्मिनल का निर्माण कर रहा है. चीन चाहता है कि श्रीलंका भारत की पहुंच से बहुत दूर निकल जाए, ताकि वो उसे नई दिल्ली के खिलाफ इस्तेमाल कर सके. बीच में श्रीलंका और चीन की करीबी की कुछ खबरें भी आई थीं, लेकिन चीन की मौजूदा हरकत के बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ना तय माना जा रहा है.