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Janmashtami Upay 2022: जन्माष्टमी का पर्व देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. इस बार जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जा रहा है. भक्तों में जन्माष्टमी को लेकर उत्साह देखा जा सकता है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में भी खूब भीड़ दिखाई दे रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्माष्टमी का दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए बेहद खास होता है.
शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण विष्णु जी के 8वें अवतार माने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में जन्माष्टमी के दिन रात के समय कुछ उपायों के बारे में बताया गया है. इन उपायों को करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही, मां लक्ष्मी का वास होता है. आइए जानते हैं जन्माष्टमी की रात किन उपायों को किया जा सकता है.
लक्ष्मी जी की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्माष्टमी पर लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करने से जीवन में धन की समस्या दूर होती है. व्यक्ति के आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. इसके अलावा, अगर जन्माष्टमी के दिन तुलसी जी की पूजा की जाए और साथ में ओम नमः वासुदेवाय मंत्र का जाप किया जाए, व्यक्ति को कर्ज से छुटकारा मिलता है. इस दिन 11 बार तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए.
शनि के शुभ प्रभावों के लिए करें ये उपाय
शास्त्रों में शनि को न्याय का देवता माना गया है. क्रूर ग्रह शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए व्यक्ति कई तरह के उपाय करता है. शनि देव की पूजा आदि करता है. इस समय कई राशि के जातक शनि महादशा, शनि की ढैय्या और साढ़े साती से गुजर रहे हैं. ऐसे में शनि के प्रकोप से बचने के लिए जन्माष्टमी की रात श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. माना जाता है कि शनि दे भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त हैं. इसलिए आज के दिन शनि देव भगवान श्री कृष्ण के भक्तों पर बुरी नजर नहीं डालते.
जन्माष्टमी उपाय
ज्योतिष शास्त्र में श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के कुछ उपायों का जिक्र किया गया है. इस दिन रात्रि में श्री कृष्ण को परिजात के फूल अर्पित करें. शंख में दूध भरकर अर्पित करें. इतना ही नहीं, इस दिन तुलसी की पूजा करें. ऐसा करने से भगवान श्री कृष्ण के साथ मां लक्ष्मी जी की कृपा भी प्राप्त होती है. इस दिन ओम नमः वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए 11 बार तुलसी जी परिक्रमा करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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