Pitru Paksha ke Niyam: पितृ पक्ष 28 सितंबर से शुरू होने जा रहे हैं. इस दौरान खाने-पीने से जुड़े कई ऐसे नियम हैं, जिनका हमें पालन करना चाहिए अन्यथा पितरों की नाराजगी झेलनी पड़ती है.
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Pitru Paksha Starting Dates: सनातन धर्म में पितृ पक्ष की बहुत अहमियत बताई गई है. इस दौरान 15 दिनों पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है. कहते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान पितर धरती पर विचरण करने आते हैं और अपने परिवारीजनों को देखते हैं. ऐसे में उनकी सेवा करने से पुण्यफल मिलता है और पितर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं. इस अवधि में किसी भी तरह के पुण्य कार्य करने की मनाही होती है. इस बार पितृ पक्ष 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चलेंगे. पितृ पक्ष के दौरान खाने-पीने से जुड़े कई ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर पितृ नाराज हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि वे नियम क्या हैं.
पितृ पक्ष में खाने-पीने के नियम (Pitru Paksha ke Niyam)
चने और मसूर दाल से रहें दूर
वैदिक शास्त्र के मुताबिक पितृ पक्ष (Pitru Paksha ke Niyam) के दौरान चने का सत्तू, मिठाई, दाल या चने से बने दूसरे खाद्य पदार्थ खाने की मनाही होती है. इस दौरान मसूर की दाल का सेवन भी नहीं करना चाहिए और न ही किसी कच्ची चीज को खाना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
लहसुन-प्याज वर्जित
पितृपक्ष में लहसुन-प्याज का सेवन (Pitru Paksha ke Niyam) पूरी तरह वर्जित रहता है. इसकी वजह इनकी तामसिक प्रवृति है. अगर आप इन दोनों चीजों को खाते भी हैं तो पितृ पक्ष के दौरान इनका त्याग कर दें और सादा भोजन करें. अपने आचार-विचार में भी सरलता को अपनाएं.
इन सब्जियों से करें परहेज
पितृ पक्ष की अवधि में जमीन (Pitru Paksha ke Niyam) के अंदर उगने वाली सब्जियों जैसे गाजर, मूल, शलगम, शकरकंद, चुकंदर, अरबी और सूरन का सेवन नहीं करना चाहिए. इन सब्जियों को न तो खुद खाना चाहिए और न किसी ब्राह्मण को खिलाना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से पितरों की नाराजगी झेलनी पड़ती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)