Delhi में चलाते हैं कार तो अब रेड लाइट पर करना होगा यह काम, 28 अक्टूबर से नया 'नियम'
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Delhi में चलाते हैं कार तो अब रेड लाइट पर करना होगा यह काम, 28 अक्टूबर से नया 'नियम'

अगर आप दिल्ली में कार या दोपहिया वाहन चलाते हैं, तो आपके लिए एक नया नियम आ गया है. दिल्ली सरकार वाहनों से प्रदूषण को कम करने के लिए 28 अक्टूबर से नए कैंपेन की शुरुआत की है. 

Delhi में चलाते हैं कार तो अब रेड लाइट पर करना होगा यह काम, 28 अक्टूबर से नया 'नियम'

Delhi traffic Rules: अगर आप दिल्ली में कार या दोपहिया वाहन चलाते हैं, तो आपके लिए एक नया नियम आ गया है. दिल्ली सरकार वाहनों से प्रदूषण को कम करने के लिए 28 अक्टूबर से नए कैंपेन की शुरुआत की है. 

  1. Red Light On Gaadi Off Campaign: अगर आप दिल्ली में कार या दोपहिया वाहन चलाते हैं, तो आपके लिए एक नया नियम आ गया है. दिल्ली सरकार वाहनों से प्रदूषण को कम करने के लिए 28 अक्टूबर से नए कैंपेन की शुरुआत की है. इस कैंपेन को ‘‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’’ नाम दिया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसका ऐलान किया है. इस अभियान को सबसे पहले 16 अक्टूबर 2020 को शुरू किया गया था. इसके तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक लाइट पर इंतजार करने के दौरान वाहन को बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
  2. गोपाल राय ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हवा की दिशा में बदलाव होता है तो दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि धूल और कचरा जलने के साथ-साथ वाहनों से होने वाले उत्सर्जन की हिस्सेदारी दिल्ली में होने वाले प्रदूषण में सबसे अधिक है. राय ने कहा, ‘‘इसलिए दिल्ली सरकार ने 28 अक्टूबर से एक महीने के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू करने का फैसला किया है.’’ 
  3. उन्होंने बताया कि 100 अहम चौराहों पर अभियान के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए 2,500 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रत्येक ट्रैफिक लाइट पर 10 स्वयंसयेवक दो पालियों में तैनात किए जाएंगे. राय के मुताबिक मुख्य जोर 10 बड़े चौराहों पर होगा जहां पर 20 स्वयंसेवकों की तैनाती की जाएगी.
  4. पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) के आंकड़ों के मुताबिक अगर लोग ट्रैफिक सिगनल पर वाहन को बंद कर दें तो प्रदूषण में 13 से 30 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है. सरकारी आकलन के मुताबिक दिल्ली में पीए-2.5 उत्सर्जन में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी परिवहन क्षेत्र की है. दिल्ली के वातावरण में 80 प्रतिशत नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनो डाई ऑक्साइड प्रदूषण वाहनों से होता है.
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