Yezdi Bike in India: येज़्दी मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल कई फिल्मों में भी हुआ. 1981 में रिलीज हुई फिल्म 'चश्मे बद्दूर' में इसे 'काली घोड़ी' नाम दिया गया था. हालांकि थोड़ी समय बाद येज़्दी बाइक ने भारतीय बाजार से विदाई ली.
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Yezdi History in india: रॉयल एनफील्ड के अलावा, भारतीय बाजार में ऑफ रोडिंग और दमदार मोटरसाइकिल का कोई नाम नहीं है. यह कंपनी रेट्रो लुक वाली बाइक्स लेकर आती है जो युवाओं से लेकर हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है. लेकिन अगर हम पुराने समय की बात करें तो Yezdi बाइक हर किसी की पसंद थी. येज़्दी मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल कई फिल्मों में भी हुआ. 1981 में रिलीज हुई फिल्म 'चश्मे बद्दूर' में इसे 'काली घोड़ी' नाम दिया गया था. हालांकि थोड़ी समय बाद येज़्दी बाइक ने भारतीय बाजार से विदाई ली. चलिए, हम इस बाइक की पूरी हिस्ट्री समझते हैं.
भारत में Yezdi की एंट्री
Yezdi बाइक को 1960 के दशक में भारतीय बाजार में लॉन्च किया गया था. यह बाइक Jawa कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी. भारत में Jawa कंपनी की एंट्री मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वाडियार और पारसी व्यापारी रुस्तम ईरानी द्वारा की गई थी. मैसूर में Ideal Jawa (India) Limited नामक एक मोटरसाइकिल कंपनी की स्थापना हुई, जो 1960 में ब्रांड नाम Jawa के तहत और 1973 से Yezdi के नाम से मोटरसाइकिल्स बेचती थी.
जब कंपनी ने पहली बाइक 'Jawa 250- Type 353' के नाम से लॉन्च की, तो उसने काफी ग्राहकों को आकर्षित किया. इसके बाद, और दो बाइकों को 'Jawa 50' और 'Jawa 50 Type 555' के नाम से पेश किया गया. जब जावा अपनी मजबूती साबित कर चुकी थी, तब येज्दी ने पहली बाइक 'Yezdi JET 60' के रूप में दस्तक दी. इन बाइकों के साथ, तकरार करने वाला कोई और नहीं था लगभग तीन दशक तक.
1973 में, जावा कंपनी का लाइसेंस समाप्त हो गया. इस परिस्थिति में, रुस्तम ईरानी ने कंपनी को 'Yezdi' के नाम से पंजीकृत कराया. हालांकि, 1990 के बाद, कई नए मॉडलों का लॉन्च हुआ, लेकिन Yezdi की बिक्री कम हो गई. कंपनी की अंतिम बाइक 1996 में लॉन्च की गई. उसी साल, कंपनी को बंद करना पड़ा.