High Beam/Low Beam: कार हेडलाइट में दो सेटअप- हाई-बीम और लो-बीम मिलते हैं. हाई-बीम में ज्यादा रोशनी मिलती है, जो दूर तक जाती है. वहीं, लो-बीम में कम रोशनी मिलती है और कार के आगे पास वाले एरिया तक ही फैलती है.
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Car Headlights High Beam/Low Beam: कार हेडलाइट में दो सेटअप- हाई-बीम और लो-बीम मिलते हैं. हाई-बीम में ज्यादा रोशनी मिलती है, जो दूर तक जाती है. वहीं, लो-बीम में कम रोशनी मिलती है और कार के आगे पास वाले एरिया तक ही फैलती है. कुछ कारों में हाई-बीम और लो-बीम के लिए अलग-अलग बल्ब होते हैं जबकि कुछ मॉर्डन कारों में सिंगल बल्ब में ही दो फिलामेंट (एक हाई-बीम के लिए और एक लो-बीम के लिए) दे दिए जाते हैं हैं.
हाई-बीम और लो-बीम का इस्तेमाल
हाई-बीम का उपयोग तब किया जाता है जब सड़क आपके आगे से पर कोई अन्य वाहन नहीं आ रहा होता है. यह दूर तक रोशनी फैलाता है और यह आपको सड़क पर आने वाली बाधाओं को दूर से ही देखने में सक्षम बनाता है. लेकिन, यह आगे से आने वाले वाहनों के ड्राइवरों की विजिबिलिटी पर असर डालता है.
इसलिए, अगर आगे से कोई वाहन आ रहा हो तो लो-बीम का इस्तेमाल करना चाहिए. जी हां, लो-बीम का उपयोग तब किया जाता है जब सड़क पर आपके आगे से कोई अन्य वाहन आ रहा होता है. यह पास के क्षेत्र में रोशनी फैलाता है और सामने आ रहे वाहनों के ड्राइवरों की विजिबिलिटी पर असर नहीं डालता है.
हाई-बीम के फायदे
1. हाई-बीम का उपयोग करके आप सड़क पर आने वाली बाधाओं को दूर से देख सकते हैं और दुर्घटनाओं से बच सकते हैं.
2. हाई-बीम से आप सड़क पर दूर तक देखने में सक्षम हो पाते हैं. इससे अच्छी विजिबिलिटी मिलती है.
लो-बीम के फायदे
1. लो-बीम से कार के पास की चीजों को ज्यादा बेहतर तरीके से देख पाते हैं, जो कुछ स्थितियों में जरूरी होता है.
2. लो-बीम सामने से आने वाले वाहनों के ड्राइवरों की आंखों पर सीधे रोशनी नहीं डालता, जिससे उनकी विजिबिलिटी खराब नहीं होती और हादसे की संभावना घटती है.
कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी
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