Shaligram Puja : शालीग्राम की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, वरना बर्बादी में नहीं लगेगी देर
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Shaligram Puja : शालीग्राम की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, वरना बर्बादी में नहीं लगेगी देर

Shaligram Puja Niyam: मान्यता है कि शालीग्राम की विधिवत पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहती है. वहीं शालीग्राम की पूजा करते समय कुछ गलतियां करने से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

शालीग्राम पूजन में न करें ये गलतियां

Shaligram Puja Rules In Hindi: शालीग्राम की पूजा अधिकतर सभी घरों में की जाती है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार शालीग्राम को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है. मान्यता है कि शालीग्राम की विधिवत पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहती है. वहीं शालीग्राम की पूजा करते समय कुछ गलतियां करने से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. तो चलिए जानते है कि जानिए शालीग्राम की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान चाहिए. 

शालीग्राम की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस घर में शालीग्राम स्थापित होते हैं वहां माता लक्ष्मी का भी वास माना जाता है. मान्यता है कि घर में न ही मीट-मांस पकाना चाहिए और न ही सेवन नहीं करना. अगर आप ऐसा कर रहे है तो आप शालीग्राम किसी मंदिर में स्थापित कर सकते हैं या किसी को दान कर सकते हैं. 

- घर में अगर शालीग्राम स्थापित किए हैं तो उनकी स्थापना आप माता तुलसी के पास कर दें. ऐसा करने से आपको शुभ परिणाम की प्राप्ति होगी. 

- शास्त्रों में बताया गया है कि किसी को भी शालीग्राम उपहार में नहीं लेना चाहिए. ऐसा करने से आपके घर से शुभता चली जाएगी और आपकी पूजा का फल उस व्यक्ति को प्राप्त होता है. 

- ज्योतिष शास्त्र के बताया गया है कि शालीग्राम पर कभी सफेद चावल अर्पित न करें. 

- ज्योतिषीयों का कहना है कि घर के मंदिर में कभी भी एक से ज्यादा शालीग्राम स्थापित नहीं करने चाहिए.

शालीग्राम और माता तुलसी विवाह की पौराणिक कथा 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने छल करके राक्षस जालंधर का वध कर दिया था जिसके बाद राक्षस की पत्नी वृंदा से विष्णु जी को शाप दिया था कि तुमने मेरा सतीत्व भंग किया है. इसलिए तुम भी पत्थर के बन जाओगे. इस श्राप को सुनने के बाद भगवान विष्णु ने वृंदा को वरदान दिया कि तुम्हारे सतीत्व का फल है कि तुम तुलसी का पौधा बनकर और गंडक नदी बनकर मेरे साथ रहोगी. यही वजह है कि शालिग्राम सिर्फ नेपाल में स्थित गंडक नदी में मिलते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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