Aadhaar Card: गाड़ी के नंबर की तरह अब आप पसंदीदा आधार नंबर भी चुन सकेंगे? UIDAI ने दी जानकारी
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Aadhaar Card: गाड़ी के नंबर की तरह अब आप पसंदीदा आधार नंबर भी चुन सकेंगे? UIDAI ने दी जानकारी

आधार कार्ड के नंबर को लेकर एक नया मामला सामने आया है जिसमें कोर्ट में यह अर्जी लगाई गई है कि गाड़ी के नंबर की तरह आधार कार्ड का नंबर भी हम अपनी मर्जी से ले सकते हैं! आइए जानते हैं यूआईडीएआई ने क्या जानकारी दी है. 

Aadhaar Card Latest News

नई दिल्ली: Aadhaar Card Latest News: आधार कार्ड आज के समय में भारत में एक अनिवार्य दस्तावेज है. इसके बिना आप कोई भी सरकारी या गैरसरकारी काम या फिर बैंक से जुड़ा कोई काम नहीं कर सकते हैं. इसलिए आपका आधार से जुड़े हर नियम पर अपडेट होना जरूरी है. यूआईडीएआई समय समय पर आधार कार्ड से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुंचता है जिससे आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

  1. आधार कार्ड के नंबर चुनने को लेकर कोर्ट में लगी अर्जी 
  2. दिल्ली उच्च न्यायालय में लगाई गई अर्जी
  3. जानिए कोर्ट में यूआईडीएआई ने क्या कहा?

इसी बीच अब एक नया मामला सामने आया है कि क्या गाड़ी के नंबर की तरह आधार कार्ड का नंबर भी हम अपनी मर्जी से ले सकते हैं? आइए जानते हैं यूआईडीएआई ने क्या जानकारी दी है. 

दिल्ली उच्च न्यायालय में लगाई गई अर्जी 

दरअसल, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने एक व्यापारी को नया आधार संख्या जारी करने की मांग संबंधी अर्जी का दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध किया है और कहा कि ऐसा अनुरोध लोगों द्वारा अपनी पसंद की वाहन पंजीकरण संख्या मांगने के जैसा होगा.

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नियम बदले गए तो क्या होगा?

प्राधिकरण की ओर से पेश वकील जुहैब हसन ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष कहा, ‘यह किसी कार के लिए फैंसी नंबर प्लेट के डिमांड जैसा होगा.' दरअसल, न्यायमूर्ति पल्ली एक अर्जी पर सुनवाई कर रही हैं जिसमें आरोप लगाया गया है कि आधार क्रमांक समेत याचिकाकर्ता के निजी विवरण के साथ समझौता किया गया है. यानी उन्हें उनकी मर्जी का आधार नंबर इशू किया जा रहा है.

हसन ने कहा कि वर्तमान ढांचा आधार कार्ड धारकों को ‘सुरक्षा के कई स्तर’ प्रदान करता है और यदि इस अर्जी को स्वीकार कर लिया गया तो बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आयेंगे जो अपना आधार क्रमांक बदलवाने की मांग करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस जुड़वाएं ताकि उसके आधार क्रमांक का गलत जगह उपयोग नहीं हो सके. आपको बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी. 

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