Gautam Adani: अडानी ग्रुप के स्टॉक्स ने गुरुवार को गिरते बाजार में भी तेजी दर्ज की. इसके बाद शुक्रवार को बाजार में चल रही तेजी के बार अडानी ग्रुप के शेयर लगातार हरे निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं. आइए जानते हैं किस शेयर में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई?
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Adani Group Share: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से उठा-पटक का दौर चल रहा है. गुरुवार को सेंसेक्स के करीब 1200 अंक गिरकर बंद होने के बाद आज बाजार में ओपनिंग के साथ ही तेजी देखी जा रही है. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स् ने मामूली गिरावट के साथ खुलकर हरे निशान में कारोबार करना शुरू कर दिया. इसी तरह निफ्टी में भी तेजी देखी गई. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स के अधिकतर शेयर हरे निशान के साथ कारोबार करते देखे गए. इस दौरान अडानी ग्रुप की सभी 11 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आई.
कौन सा शेयर कितना चढ़ा?
बीएसई पर अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 14.64 प्रतिशत, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 13.54 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस में 7.33 प्रतिशत, अडानी पावर में 4.90 प्रतिशत और एनडीटीवी के शेयर में 4.54 प्रतिशत की तेजी आई. अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 2.90 प्रतिशत, सांघी इंडस्ट्रीज का 2.44 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स का 2.25 प्रतिशत, अडानी विल्मर का 2.24 प्रतिशत, अडानी एंटरप्राइजेज का 2.11 प्रतिशत और एसीसी का 1.34 प्रतिशत चढ़ा.
80000 के करीब पहुंचा सेंसेक्स
इस बीच, बीएसई सेंसेक्स ने 688.31 अंक की तेजी के साथ 79,732.05 अंक पर और एनएसई निफ्टी ने 192.65 अंक चढ़कर 24,106 अंक पर कारोबार किया. इससे पहले अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने अडानी ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में अभियोग के बावजूद ग्रुप में निवेश को लेकर उसका नजरिया न बदलने का आश्वासन दिया. श्रीलंका पोर्ट अथॉरिटी और तंजानिया सरकार ने भी अडानी ग्रुप को पूरा समर्थन देने की बात कही है.
धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया
अडानी ग्रुप का कहना है कि कारोबारी गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया. बल्कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें केवल पेनाल्टी लगाई जा सकती है. एजीईएल (AGEL) पर आरोप है कि सोलर एनर्जी का ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी गई, इससे कंपनी को 20 साल के दौरान दो अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ हो सकता था.
कंपनी के अनुसार, एजीईएल के तीन अधिकारियों पर केवल प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, वायर धोखाधड़ी की साजिश और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. आमतौर पर ऐसे आरोपों के लिए पेनाल्टी रिश्वतखोरी के मुकाबले कम गंभीर होते हैं. अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी रास्ता अपनाने की बात कही है. (इनपुट भाषा से भी)