आदित्य बिड़ला ग्रुप बंद करेगा अपना पेमेंट कारोबार, केवल 17 महीने पुराना था बैंक
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आदित्य बिड़ला ग्रुप बंद करेगा अपना पेमेंट कारोबार, केवल 17 महीने पुराना था बैंक

पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन नवीन सूर्या के मुताबिक जिन कंपनियों के पास पेमेंट कारोबार का अनुभव नहीं था उन्होने लाइसेंस वापस किए हैं और पिछले एक साल में आए नियमों में बदलाव की वजह से भी कंपनियों की पेमेंट कारोबार में दिलचस्पी कम हुई है.

पेमेंट बैंकों के लिए सभी ग्राहकों का KYC नए सिरे से शुरू करना मुश्किल हो रहा है.

नई दिल्ली: आदित्य बिड़ला ग्रुप ने अपने पेमेंट बैंक को बंद करने का ऐलान किया है. इससे पहले भी लाइसेंस मिलने वाली कंपनियों ने कारोबार में दिलचस्पी नहीं दिखाई है तो अब सवाल उठने लगे हैं, क्या पेमेंट बैंक का भविष्य अब नहीं है? पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन नवीन सूर्या के मुताबिक जिन कंपनियों के पास पेमेंट कारोबार का अनुभव नहीं था उन्होने लाइसेंस वापस किए हैं और पिछले एक साल में आए नियमों में बदलाव की वजह से भी कंपनियों की पेमेंट कारोबार में दिलचस्पी कम हुई है.

2015 में जारी हुआ था लाइसेंस
तमाम रिपोर्ट के मुताबिक, पेमेंट बैंकों की वित्तीय हालत चिंताजनक है. RBI ने अगस्त 2015 में पेमेंट बैंक के लाइसेंस जारी किए थे. कई बैंक तो अभी तक परिचालन भी शुरू नहीं कर पाए हैं. कुल मिलाकर किसी भी पेमेंट बैंक की हालत ठीक नहीं है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और पेमेंट बैंक बंद हो सकते हैं. आदित्य बिड़ला ग्रुप के पेमेंट बैंक कारोबार को 17 महीने भी नहीं हुए थे कि बंद होने को लेकर खबर आई है. 

पेमेंट बैंकों की क्या हैं दिक्कतें?
बता दें, 2015 में देश के 11 बड़े कॉरपोरेट घरानों को पेमेंट बैंक के लाइसेंस मिले थे. जिन कंपनियों के पास पेमेंट कारोबार का अनुभव नहीं था उन्होंने लाइसेंस वापस लेने का फैसला किया. ज्यादातर कंपनियां टेलीकॉम कारोबार से जुड़ी थीं. टेलीकॉम सेक्टर में दिक्कत की वजह से भी कंपनियों की दिलचस्पी इस कारोबार में घटी है. खासकर, पिछले एक साल में नियमों में हुए बदलावों की वजह से कंपनियो पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है. इन बैंकों के लिए सभी ग्राहकों का KYC नए सिरे से शुरू करना मुश्किल हो गया है. इसके अलावे भी कई तरह की चुनौतियां हैं.

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