प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीयूष गोयल के साथ संसद भवन में बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर चर्चा हुई.
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Kisan Andolan: पंजाब से लगती हरियाणा की सीमा पर शनिवार को दिल्ली की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest) के समूह को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. इस दौरान कुछ किसानों के घायल हो जाने के कारण प्रदर्शनकारी किसानों ने अपना 'दिल्ली चलो' मार्च एक दिन के लिए स्थगित कर दिया. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किसान आंदोलन पर जानकारी ली और मंत्रियों के साथ चर्चा की.
संसद भवन में में पीएम मोदी की मंत्रियों के साथ बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीयूष गोयल के साथ संसद भवन में बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री ने आंदोलन के बारे में बात की और हालात की जानकारी ली. बाद में पीएम मोदी की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के बीच अलग से बैठक हुई, जिसमें महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हुई.
SC के कमेंट के बाद सक्रिय नजर आ रही सरकार
किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणी के बाद केंद्र सरकार सक्रिय नजर आ रही है. बता दें कि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उनकी जिंदगी अनमोल है और उन्हें मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे चल रहा है, इसलिए उन पर कोई सख्ती नहीं की जानी चाहिए.
17-18 किसान हुए घायल: सरवन सिंह पंधेर
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि आंदोलन की अगुवाई कर रहे दोनों मंचों ने 'जत्थे का मार्च रोकने' का फैसला किया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में 17-18 किसान घायल हुए हैं. किसान नेता मंजीत सिंह राय ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने रबर की गोलियां भी चलाईं, जिसमें एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया. उन्होंने कहा, 'दोनों मंचों ने आज के लिए जत्थे को वापस बुलाने का निर्णय लिया है और बैठक के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी.'
सरवन सिंह पंधेर ने आरोप लगाया, 'किसानों को तितर-बितर करने के लिए केमिकल मिला पानी का इस्तेमाल किया गया और इस बार अधिक आंसूगैस के गोले दागे गए.' हालांकि, अंबाला कैंट के पुलिस उपाधीक्षक रजत गुलिया ने आरोपों का खंडन किया. पंधेर ने कहा कि जब संसद में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस चल रही है, तो ‘संसद में कोई भी किसानों के लिए आवाज नहीं उठा रहा है...यहां हम जानना चाहते हैं कि हमारे विरोध पर कौन सा संविधान लागू होता है. 101 किसानों का जत्था देश की कानून-व्यवस्था के लिए खतरा कैसे बन सकता है.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)