कभी दुन‍िया के छठे सबसे अमीर शख्‍स थे अन‍िल अंबानी, इन गलत‍ियों से धीरे-धीरे हो गया बेड़ा गर्क
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कभी दुन‍िया के छठे सबसे अमीर शख्‍स थे अन‍िल अंबानी, इन गलत‍ियों से धीरे-धीरे हो गया बेड़ा गर्क

Anil Ambani Networth: अन‍िल अंबानी (Anil Ambani) हजारों करोड़ के कर्ज के नीचे हैं. उनकी कंपनियां बिकने की कगार पर हैं. अन‍िल अंबानी ने खुद को द‍िवाल‍िया घोष‍ित कर द‍िया है. वह इस स्‍थ‍िति से बाहर न‍िकलने की पूरी कोश‍िश कर रहे हैं. लेक‍िन समय उनका साथ नहीं दे रहा.

कभी दुन‍िया के छठे सबसे अमीर शख्‍स थे अन‍िल अंबानी, इन गलत‍ियों से धीरे-धीरे हो गया बेड़ा गर्क

Anil Ambani Mistakes: मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का नाम दुन‍िया की सबसे अमीर शख्‍स‍ियतों में शाम‍िल है. फोर्ब्‍स की तरफ से प‍िछले द‍िनों जारी की गई अरबपत‍ियों की ल‍िस्‍ट में उनका नाम नौंवे नंबर पर था. एक समय था जब मुकेश अंबानी के छोटे भाई अन‍िल अंबानी (Anil Ambani) की ग‍िनती भी दुन‍िया के अरबपत‍ियों में होती थी और वह छठे नंबर पर थे. लेक‍िन आज अन‍िल अंबानी अरबों की संपत्‍त‍ि को गंवा चुके हैं. वक्‍त उनका साथ नहीं दे रहा. वह ज‍िस काम में हाथ डाल रहे हैं, उन्‍हें नुकसान ही झेलना पड़ रहा है. वह हजारों करोड़ के कर्ज में डूब गए हैं. प‍िछले द‍िनों र‍िलायंस पावर का कर्ज चुकाने के बाद उनके कुछ संभलने की उम्‍मीद थी. लेक‍िन अब एक द‍िन पहले आए फैसले ने उन्‍हें झकझोर द‍िया है.

अन‍िल अंबानी को फ‍िर लगा झटका

जय अनमोल अंबानी ने मेहनत के दम पर कंपनी की नेटवर्थ को 2000 करोड़ रुपये पर पहुंचा द‍िया. इसके बाद अन‍िल अंबानी की कंपनी र‍िलांयस पावर (Reliacne Power) और र‍िलायंस इंफ्रा (Reliance Infra) के शेयरों में तेजी आई. लेक‍िन बुधवार को द‍िल्‍ली मेट्रो के हक में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अन‍िल अंबानी को फ‍िर झटका लगा है. शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार अन‍िल अंबानी की कंपनी को 3300 करोड़ रुपये द‍िल्‍ली मेट्रो को वापस करने होंगे. साथ ही दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट (DAMEPL) के पक्ष में दिए गए 8000 करोड़ रुपये के फैसले को भी रद्द कर दिया गया है.

कंपनियां बिकने की कगार पर
आज अन‍िल अंबानी (Anil Ambani) हजारों करोड़ के कर्ज के नीचे हैं. उनकी कंपनियां बिकने की कगार पर हैं. अन‍िल अंबानी ने खुद को द‍िवाल‍िया घोष‍ित कर द‍िया है. वह इस स्‍थ‍िति से बाहर न‍िकलने की पूरी कोश‍िश कर रहे हैं. लेक‍िन समय उनका साथ नहीं दे रहा. 16 साल पहले ही 2008 की बात है जब छोटे अंबानी का दुन‍ियाभर के अरबपत‍ियों में छठा नंबर था. उस समय उनके पास कुल 42 अरब डॉलर की संपत्‍त‍ि थी. लेक‍िन कुछ गलत‍ियों ने उन्‍हें धकेलकर यहां पहुंचा द‍िया. आइए जानते हैं उन गलत‍ियों के बारे में ज‍िनसे अन‍िल अंबानी को लगातार नुकसान हुआ-

अन‍िल और मुकेश अंबानी का बंटवारा
90 का दशक था और अंबानी पर‍िवार में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था. अचानक 1986 में धीरूभाई अंबानी को स्ट्रोक का सामना करना पड़ा. इसके बाद अन‍िल अंबानी ने प‍िता धीरूभाई के नेतृत्‍व में र‍िलायंस के फाइनेंश‍ियल कामों को देखना शुरू कर द‍िया. साल 2002 में प‍िता की मौत के बाद मुकेश अंबानी और अन‍िल अंबानी ने म‍िलकर र‍िलायंस ग्रुप के कारोबार को संभाल ल‍िया. लेक‍िन कुछ समय बाद ही दोनों भाईयों के बीच मनमुटाव रहने लगा. इसके बाद दोनों भाइयों के बीच बंटवारा हो गया. मुकेश को ऑयल और पेट्रोकेमिकल्स का कारोबार मिल गया. वहीं, अनिल ने टेलीकॉम, पॉवर प्रोडक्‍शन और फाइनेंश‍ियल सर्व‍िस के कारोबार की ज‍िम्‍मेदारी संभाल ली.

2009 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द क‍िया अध‍िग्रहण
अलग होने के बाद भी दोनों भाइयों के बीच का व‍िवाद कम नहीं हो पाया. मुकेश अंबानी और अन‍िल अंबानी के बीच गैस की सप्लाई को लेकर अनबन हुई. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया और अदालत ने बड़े भाई के पक्ष में फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा क‍ि किसी परिवार के बीच का करार सरकार की नीतियों से ऊपर नहीं हो सकता. इसके बाद अनिल ने लोन लेकर अपने ब‍िजनेस को बढ़ाया. उन्‍होंने इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, ड‍िफेंस और एंटरटेनमेंट सेक्‍टर में हाथ आजमाया. 2009 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के दादरी में अनिल अंबानी के ग्रुप की तरफ से बनाए जा रहे गैस-आधारित बिजली प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया. मुकेश अंबानी को टेलीकॉम सेक्‍टर में जाने से रोकने के लिए दोनों भाइयों के बीच करार था. लेक‍िन इसे 2010 में रद्द कर दिया गया.

ब‍िना क‍िसी प्‍लान‍िंग के न‍िवेश करना
आगे बढ़ने की चाहत और ग‍िरती फाइनेंशियल हेल्थ के बीच भी अन‍िल अंबानी ने रुकने का नाम नहीं ल‍िया. जल्दबाजी और ब‍िना क‍िसी प्लानिंग के नए कारोबार में न‍िवेश करना अन‍िल ने जारी रखा. उनकी यह गलती उनपर भारी पड़ गई. एनर्जी और टेलीकॉम सेक्‍टर में दबदबा हास‍िल करने की चाहत में वह नए प्रोजेक्ट में दांव लगाते गए. ज्‍यादा लागत और कम र‍िटर्न से उनका खजाना धीरे-धीरे खाली होने लगा. वह एक सेक्‍टर पर फोकस नहीं कर पाए और घाटे की भरपाई के ल‍िए दूसरे ब‍िजनेस की तरफ मुड़ गए. उन्‍होंने कहीं भी पैसा लगाने के बाद इंतजार नहीं क‍िया. 2008 में आई ग्लोबल मंदी के बाद वह दोबारा उठ नहीं पाए और लगातार कर्ज तले दबते चले गए.

कर्ज बढ़कर 31700 करोड़ पर पहुंच गया
साल 2007 की बात है जब अन‍िल धीरू भाई अंबानी ग्रुप (ADAG) का मार्केट कैप 4 लाख करोड़ रुपये था. वह इस समय बाजार के स‍िरमौर बने हुए थे. देश और दुन‍िया के न‍िवेशक उनकी तरफ उम्‍मीद भरी नजरों से देख रहे थे. इस अन‍िल अंबानी ने कई प्रोजेक्‍ट में दांव लगाया. इन प्रोजेक्‍ट के ल‍िए पैसा लोन से जुटाया गया. कंपनी का कर्ज बढ़कर 31700 करोड़ पर पहुंच गया. कंपन‍ियां नुकसान में चली गईं और वह समय के साथ कर्ज नहीं चुका पाए. साल 2014 की बात है उनकी पावर और इंफ्रा कंपन‍ियां भी भारी लोन के नीचे दब गईं.

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