Reliance Infra Share Price: कभी 9 रुपये तक गिरने वाला अनिल अंबानी की कंपनी का शेयर कुछ ही साल में चढ़कर 350 रुपये पर पहुंच गया. समय अनिल अंबानी का साथ दे रहा है, वह जिस काम में हाथ डाल रहे हैं वहां पर उन्हें सफलता ही मिल रही है.
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Anil Ambani Masterstroke: मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनियां और उनसे जुड़े शेयर अब रफ्तार पकड़ने लगे हैं. अनिल अंबानी ने पिछले दिनों रिलायंस पावर के कर्ज मुक्त होने और रिलायंस इंफ्रा का कर्ज 86 प्रतिशत तक कम होने का ऐलान क्या किया, अब उनके दिन पलटने लगे हैं. मंगलवार को हुई मीटिंग में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ने 2930 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को पास कर दिया है. वीएफएसआई होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड को असुरक्षित विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (FCCB) जारी करके 2,930 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
एफसीसीबी का मैच्योरिटी पीरियरड 10 साल का होगा
एक्सचेंज फाइलिंग में अनिल अंबानी की कंपनी ने बताया कि एफसीसीबी अनसिक्योर होंगे और उन पर सालाना 5 प्रतिशत का अल्ट्रा-लो-कॉस्ट कूपन होगा. एफसीसीबी का मैच्योरिटी पीरियरड 10 साल का होगा. इससे पहले रिलायंस इंफ्रा की तरफ से घोषणा गई कि उसने 3,831 करोड़ रुपये के भारी भरकम कर्ज को घटाकर 472 करोड़ रुपये कर दिया है. इसके अलावा मंगलवार को हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन योजना (ESOS) को मंजूरी दी गई. यह योजना कंपनी के सभी कर्मचारियों को फायदा पहुंचाने के लिए है.
मंगलवार को 332 रुपये पर बंद हुआ कंपनी का शेयर
ESOS ने 2.60 करोड़ इक्विटी शेयर देने का वादा किया है, इसका अनुमानित मूल्य 850 करोड़ रुपये से ज्यादा है. यह शेयर जारी होने के कुल शेयरों के 5 प्रतिशत के बराबर होगा. इसका मकसद कर्मचारियों की आमदनी को बढ़ाना है. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा अपने कर्ज में 87 प्रतिशत तक की भारी कटौती करने में कामयाब रही है. इसका असर यह हुआ कि कंपनी के शेयर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. मंगलवार को बंद हुआ कारोबारी सत्र में यह 332 रुपये पर बंद हुआ. 24 सितंबर को शेयर 52 हफ्ते के हाई लेवल 352 रुपये पर पहुंच गया था.
हाईकोर्ट ने रिलायंस इंफ्रा के पक्ष में फैसला सुनाया
दो दिन पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने रिलायंस इंफ्रा के पक्ष में फैसला सुनाया है. अदालत की तरफ से यह फैसला दामोदर घाटी निगम (DVC) के साथ 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता विवाद में आया है. रिलायंस इंफ्रा और डीवीसी के बीच 780 करोड़ का विवाद था. यह मामला मीडिएशन के लिए गया था. इस पर रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पक्ष में पुराने फैसले को बरकरार रखा है. दरअसल, 10 साल से भी ज्यादा समय पहले रिलायंस इंफ्रा को वेस्ट बंगाल के पुरुलिया में 1,200 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट को तैयार करने के लिए 3,750 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला था. इस प्रोजेक्ट में देरी के कारण डीवीसी ने रिलायंस इंफ्रा से हर्जाना मांगा. रिलायंस की तरफ से इसे चुनौती दी गई और 2019 में मीडिएशन के जरिये कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया गया.
कर्ज कम होने की खबर आने के बाद रिलायंस इंफ्रा के शेयर में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है. अनिल अंबानी कंपनी रिलायंस इंफ्रा के शेयर में करीब साढ़े चार साल के दौरान 3,600 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. मार्च 2020 में कंपनी के एक शेयर की कीमत 9.20 रुपये थी. सितंबर के आखिरी हफ्ते में चढ़कर यह शेयर 350 रुपये पर पहुंच गया. पिछले चार साल में ही कंपनी का शेयर करीब 3600 प्रतिशत चढ़ गया है. पिछले दो साल में इस शेयर में 150 प्रतिशत की तेजी आई है.