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नई दिल्ली: आधार कार्ड (Aadhaar Card) सबसे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स में से एक है जिसका उपयोग ज्यादातर जरूरी कामों में किया जाता है. यूआईडीएआई (UIDAI) द्वारा जारी 12 अंकों का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर अब महत्वपूर्ण आईडी (ID) में से एक बन गया है क्योंकि इसमें आपका डेमोग्राफिक और साथ ही बायोमेट्रिक डेटा शामिल होता है. आधार नंबर (Aadhaar) हर कोई ले सकता है, यहां तक कि एक नवजात बच्चा भी. बच्चों के आधार कार्ड को बाल आधार (Baal Aadhaar) कहा जाता है लेकिन बच्चों का आधार बड़ों के आधार से अलग होता है.
बच्चों के लिए आधार कार्ड (Baal Aadhaar) का आवेदन ठीक वैसे ही करना होता है जैसे बड़ों का आधार कार्ड बनवाया जाता है. आपको सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स के साथ नामांकन केंद्र पर उपलब्ध एक आवेदन पत्र भरना होता है. इसमें रेजिडेंस प्रूफ (PO), रिलेशनशिप प्रूफ (POR) और डेट ऑफ बर्थ डॉक्यूमेंट (DOB) लगाने होते हैं. यूआईडीएआई 31 तरह के पीओआई और 44 पीओए, 14 पीओआर और 14 डीओबी डॉक्यूमेंट्स को स्वीकार करता है. लेकिन बाल आधार का रंग बड़ों के आधार से अलग होता है. इसका रंग नीला होता है. इससे संबंधित कुछ रोचक और जरूरी बातें हैं जिन्हें जानना जरूरी है.
1. 5 साल से कम उम्र के बच्चे को नीले रंग का बाल आधार मिलता है और जब बच्चा 5 साल का हो जाता है तो वह अमान्य हो जाता है.
2. आप अपने बच्चे के स्कूल आईडी (मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान द्वारा जारी फोटो आईडी) का उपयोग उसके आधार नामांकन के लिए कर सकते हैं.
3. 5 साल की उम्र में और फिर 15 साल की उम्र में अपने बच्चे के बायोमेट्रिक आधार डेटा को अपडेट कराना न भूलें. बच्चों के लिए यह अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट फ्री है. इसे री-एक्टिवेट करने के लिए बायोमेट्रिक अपडेट होना जरूरी है.
4. आपका आधार, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र या अस्पताल से मिली डिस्चार्ज स्लिप बच्चे का आधार बनवाने के लिए पर्याप्त है.
5. बच्चे के आधार डेटा में फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन जैसी बायोमेट्रिक जानकारी शामिल नहीं होती. एक बार जब बच्चा 5 साल पार कर जाता है, तो बायोमेट्रिक को अपडेट करने की आवश्यकता होती है.
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