रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप डील पर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को तगड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने करीब 25,000 करोड़ रुपये की इस डील पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि इस डील में अमेजन के हितों की रक्षा के लिए अंतरिम आदेश की जरूरत है.
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दिल्ली: रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप डील पर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को तगड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने करीब 25,000 करोड़ रुपये की इस डील पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि इस डील में अमेजन के हितों की रक्षा के लिए अंतरिम आदेश की जरूरत है. सिंगापुर की अदालत (Singapore Tribunal) पहले ही इस समझौते पर रोक लगा चुकी है.
फैसला आने तक फ्यूचर रिटेल को यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया है. अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट में सिंगापुर की अदालत के फैसले को लागू कराने की अपील की थी. अमेजन का कहना था कि फ्यूचर ग्रुप को मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप के साथ सौदा करने पर रोक लगाई जाए. इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 1 फरवरी को अमेजन और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड से समझौता और सेटलमेंट करने पर विचार करने को कहा था. कोर्ट ने दोनों कंपनियों से पूछा कि क्या वो FRL और रिलायंस रिटेल के बीच 24,713 करोड़ की डील से पैदा हुए विवाद को सुलझाने के लिए तैयार हैं.सौदे पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश से मुकेश अंबानी को डील पूरा होने के लिए अभी और इंतजार करना होगा.
दरअसल, अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया था. इस डील में शर्त थी कि अमेजन को 3 से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा. साथ ही फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज को ना बेचने की शर्त भी थी. इस दौरान किशोर बियानी ने फ्यूचर ग्रुप के रीटेल स्टोर, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार को रिलायंस को बेचने का सौदा कर लिया. ये सौदा 24713 करोड़ रुपये में हुआ. इसी के खिलाफ अमेजन ने मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
Reliance-Future Deal के विरोध में Amazon ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में भी गुहार लगाई थी जिसके बाद इस डील पर स्टे लगा दिया गया था. अदालत के एकमात्र मध्यस्थ वीके राजा ने अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. अब इस मामले में 3 सदस्यीय मध्यस्थता पीठ अंतिम फैसला करेगी. इस पीठ में Future और Amazon की ओर से एक-एक सदस्य नामित होंगे, एक सदस्य तटस्थ (Neutral) होगा.
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे को मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अमेजन की आपत्ति के बावजूद मंजूरी दे दी है. कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) भी इस सौदे पर अपनी मुहर लगा चुका है. फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर और CEO किशोर बियानी ने कहा था कि SEBI की मंजूरी के बाद रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील दो महीने में पूरी हो जाएगी. किशोर बियानी ने कहा था कि अमेजन के साथ विवाद पर सुनवाई और रिलायंस के साथ डील, दोनों साथ चलती रहेंगी.