बैन होगी ई-सिगरेट, इसे 'ड्रग्स' कैटेगरी में लाने की तैयारी कर रही सरकार
Advertisement

बैन होगी ई-सिगरेट, इसे 'ड्रग्स' कैटेगरी में लाने की तैयारी कर रही सरकार

ई-सिगरेट जिसे Electronic nicotine delivery system (ENDS) कहा जाता है, फिलहाल बाजार में इसे एक ऐसे प्रोडक्ट के रूप में बेचा जाता है जो लोगों को स्मोकिंग छुड़वाने में मदद करती हैं और  इसी कारण  युवाओं के बीच ई-सिगरेट काफी लोकप्रिय भी है.

ई-सिगरेट में लिक्विड निकोटीन सॉल्यूशन होता है. (फाइल)

वरुण भसीन, नई दिल्ली: अगर आप ई-सिगरेट पीते हैं तो अब आप दोबारा सोच विचार कर लें, क्यूंकि सरकार ई-सिगरेट यानी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को अब  ''ड्रग्स'' की कैटेगरी में डालने जा रही है. सरकार  देशभर में इसको बैन भी करने भी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सेहत पर इसके  खतरनाक असर को देखते हुए बैन करने का फैसला लिया है. इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जल्द ही सामने आ सकता है. हाल ही में हुई ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी मीटिंग में ई-सिगरेट और ऐसी अन्य कई डिवाइस को ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 (डीसीए) के सेक्शन 3(b) के तहत ड्रग घोषित करने पर सहमति हुई. 

ई-सिगरेट जिसे Electronic nicotine delivery system (ENDS) कहा जाता है, फिलहाल बाजार में इसे एक ऐसे प्रोडक्ट के रूप में बेचा जाता है जो लोगों को स्मोकिंग छुड़वाने में मदद करती हैं और  इसी कारण  युवाओं के बीच ई-सिगरेट काफी लोकप्रिय भी है. लेकिन, असलियत ये है कि ई-सिगरेट भी सेहत पर बुरा असर डालती है. यह डिवाइस तंबाकू से नहीं जलती, बल्कि लिक्विड निकोटीन सॉल्यूशन से धुआं उड़ाने के लिए हीटिंग डिवाइस का इस्तेमाल करती है. इस  धुएं को सिगरेट पीने वाला सांस के साथ अंदर लेता है जो हानिकारक है. 

सरकारी आंकड़ों की मानें तो देश में ई-सिगरेट के 460 ब्रांड मौजूद हैं, जिसमें 7700 से भी ज्यादा फ्लेवर की ई-सिगरेट मिलती हैं. ENDS के तहत ई-सिगरेट, हीट-नॉट बर्न डिवाइस, वेप, ई-शीशा, ई-निकोटीन, फ्लेवर्ड हुक्का और ऐसे अन्य प्रोडक्ट्स आते हैं. हालांकि, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद एक्ट के तहत सरकार ऐसे प्रोडक्ट्स को बैन नहीं कर सकती है, सिर्फ उनकी बिक्री पर नियंत्रण लगा सकती है. ऐसे में सरकार को कई कानूनी बदलाव करने होंगे जिससे ई-सिगरेट पर बैन लगाया जा सके.

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत भारत में ई-सिगरेट को "ड्रग" घोषित किया जा सकता है. धारा 26ए सरकार को ड्रग्स या कॉस्मेटिक पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देती है जिससे किसी व्यक्ति को नुकसान होने की संभावना हो. अमेरिकी शोधकर्ताओं ने भी पाया है कि इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं (Brain Stem Cells) को नुकसान पहुंच सकता है. ई-सिगरेट कोशिकाओं में तनाव की स्थिति पैदा करता है. स्टेम सेल्स ऐसी खास कोशिकाएं होती हैं, जो मस्तिष्क, रक्त और अस्थि कोशिकाओं के तौर पर विशिष्ट कार्य करती हैं. यदि कोई व्यक्ति थोड़े समय के लिए भी ई-सिगरेट का इस्तेमाल करता है तो इससे ये कोशिकाएं खत्म हो सकती हैं.

Trending news