नामी ट्रैवल कंपनी Cox and kings के दफ्तरों में ED का छापा, जानिए क्या है वजह
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नामी ट्रैवल कंपनी Cox and kings के दफ्तरों में ED का छापा, जानिए क्या है वजह

ED के अधिकारियों ने अजय अजीत पीटर (पीटर केरकर), निदेशक पी. पटेल और अभिषेक गोयनका, पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अनिल खंडेलवाल और आंतरिक ऑडिटर नरेश जैन के परिसरों की तलाशी ली. यह तलाशी मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत की जा रही कार्रवाई के अंतर्गत की गई.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश की मशहूर और जानी मानी कंपनी Cox and kings के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू कर दी है. बैंक घोटाले और मनी लांड्रिंग के मामले में Cox and kings शक के दायरे में आ गई है. ED ने यस बैंक (Yes Bank) मनी लांड्रिंग जांच मामले में कॉक्स एंड किंग्स के मुंबई में कम से कम पांच परिसरों पर छापे मारे. इसमें कंपनी के प्रवर्तक पीटर केरकर और पूर्व वरिष्ठ कार्यकारियों के परिसर शामिल हैं.

  1. जानी मानी ट्रैवल कंपनी Cox and kings पर ED का छापा
  2. मनी लांड्रिंग का है आरोप
  3. पांच दफ्तरों में मारा गया छापा

जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि समूह और उसकी कंपनियों के ऊपर 3,642 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. ईडी के अधिकारियों ने अजय अजीत पीटर (पीटर केरकर), निदेशक पी. पटेल और अभिषेक गोयनका, पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अनिल खंडेलवाल और आंतरिक ऑडिटर नरेश जैन के परिसरों की तलाशी ली. यह तलाशी मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत की जा रही कार्रवाई के अंतर्गत की गई.

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कॉक्स एंड किंग्स यस बैंक के शीर्ष कर्जदारों में से एक है. ईडी के अनुसार कॉक्स एंड किंग्स लि. (सीकेएल) पर 563 करोड़ रुपये, उससे जुड़ी कंपनियों ईजीगो वन ट्रैवल एंड टूअर्स (ईओटीटीएल) पर 1,012 करोड़ रुपये, कॉक्स एंड किंग्स फाइनेंशियल सर्विसेज लि. 422 करोड़ रुपये, प्रोमेथियोन एंटरप्राइजेज लि., यूके पर 1,152 करोड़ रुपये और मालवेर्न ट्रैवल लि., यूके पर 493 करोड़ रुपये बकाये हैं.

कुल बकाया कर्ज 3,642 करोड़ रुपये है. अधिकारियों ने कहा कि तलाशी का मकसद मामले में अधिक सबूत जुटाना है.  ईडी ने आरोप लगाया कि यात्रा और पर्यटन समूह ने देश और विदेश में कई अनुषंगी इकाइयां बनायी जिसके जरिये रुपये की हेराफेरी की गई.

ईडी एक कथित धोखाधड़ी के मामले में यस बैंक और कई अन्य बड़े कॉरपोरेट समूहों की जांच कर रहा है, जिन्हें बैंक द्वारा दिया गया भारी ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गया.

यस बैंक (Yes Bank) के सह-संस्थापक राणा कपूर को मार्च में गिरफ्तार किया गया. उसके बाद डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन ओर उनके भाई तथा आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के निदेशक धीरज वधावन को गिरफ्तार किया गया.

ईडी ने हाल ही में मामले में मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत में पहला आरोपपत्र दाखिल किया है.

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