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Edible Oil Price: बढ़ती महंगाई लगातार आम लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है. पिछले एक साल में सरसों के तेल के दाम (Mustard Oil Price) बढ़कर करीब दोगुने हो चुके हैं, जिससे घरों में खाना पकाना तक महिलाओं के लिए दूभर होता जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सरसों के तेल के दाम (Mustard Oil Price) 90-95 रुपये प्रति लीटर थे. अब वही दाम बढ़कर 174 से 190 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं. इससे पहले भी वर्ष 2019 से 2020 के बीच में सरसों के तेल में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.
भोजन पकाने के लिए सरसों का तेल (Mustard Oil) एक जरूरी आइटम है. काफी परिवारों ने महंगाई से बचने के लिए इस तेल का इस्तेमाल कम कर दिया है. हालांकि वे परेशान हैं कि बिना सरसों के तेल के वे भोजन कैसे पकाएं.
रिपोर्ट के मुताबिक देश में मांग के अनुपात में खाद्य तेलों (Edible Oil) का उत्पादन बहुत कम है. ऐसे में स्थानीय मांग पूरी करने के लिए विदेशों से खाद्य तेल आयात करना पड़ता है. सरकार ने खाद्य तेलों के दाम में कमी लाने के लिए सोयाबीन के तेल, पाम ऑयल और सूरजमुखी के तेल पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को कम कर दिया था. इसके साथ ही बेसिक ड्यूटी में भी कमी की गई.
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शुरुआती कुछ दिनों में सरकार के इन कदमों का असर नजर आया. हालांकि बाद में वे उपाय भी फेल हो गए. जिसके बाद से खाद्य तेलों (Edible Oil Price) की कीमतें लगातार आसमान की ओर बढ़ती चली जा रही है. इससे लोगों की रसोई का बजट लगातार बिगड़ता जा रहा है.
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