मई में निर्यात बढ़कर 30 अरब डॉलर, लेकिन व्यापार घाटा 6 महीने के उच्च स्तर पर
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मई में निर्यात बढ़कर 30 अरब डॉलर, लेकिन व्यापार घाटा 6 महीने के उच्च स्तर पर

आंकड़ों के अनुसार मई में आयात भी 4.31 फीसदी बढ़कर 45.35 अरब डॉलर रहा. इस तरह व्यापार घाटा बढ़कर 15.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 

मई, 2018 में निर्यात और आयात का अंतर 14.62 अरब डॉलर रहा था. (फाइल)

नई दिल्ली: देश का निर्यात मई महीने में 3.93 फीसदी बढ़कर 30 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से कुल निर्यात बढ़ा है. हालांकि, इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर छह महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार मई में आयात भी 4.31 फीसदी बढ़कर 45.35 अरब डॉलर रहा. इस तरह व्यापार घाटा बढ़कर 15.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 

मई, 2018 में निर्यात और आयात का अंतर 14.62 अरब डॉलर रहा था. व्यापार घाटे का यह स्तर नवंबर, 2018 के बाद से सबसे ऊंचा है. उस समय व्यापार घाटा 16.67 अरब डॉलर रहा था. समीक्षाधीन महीने में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का निर्यात 51 फीसदी बढ़ा. इस दौरान इंजीनियरिंग निर्यात में 4.4 फीसदी, रसायन में 20.64 फीसदी, फार्मा में 11 फीसदी तथा चाय में 24.3 फीसदी की वृद्धि हुई. हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में पेट्रोलियम उत्पादों, कृत्रिम धागे, रत्न एवं आभूषण, समुद्री उत्पाद, कॉफी और चावल के निर्यात में गिरावट आई. समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 8.23 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 12.44 अरब डॉलर रहा, जबकि गैर तेल आयात 2.9 फीसदी बढ़कर 32.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया.  मई में सोने का आयात 37.43 फीसदी बढ़कर 4.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 

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चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह अप्रैल-मई में निर्यात 2.37 फीसदी की वृद्धि के साथ 56 अरब डॉलर रहा है. इस दौरान आयात 4.39 फीसदी बढ़कर 86.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस तरह अप्रैल-मई में व्यापार घाटा 30.69 अरब डॉलर रहा है. निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि मई में निर्यात में वृद्धि मामूली रही. इस वजह वैश्विक व्यापार में सुस्ती है. गुप्ता ने कच्चे तेल के आयात का बिल बढ़ने की वजह से व्यापार घाटे में बढ़ोतरी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकार को वस्तुओं के निर्यातकों के लिए ऋण की उपलब्धता, ऋण की लागत के साथ सभी कृषि निर्यात पर ब्याज सब्सिडी के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए. 

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