केंद्र सरकार फास्टैग को ऑटोमेटेड टोल फेयर कलेक्शन के तौर पर बढ़ावा दे रही है. वहीं इसके जरिए गाड़ियों का बीमा कराने पर भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. 2021 में इसी को लेकर के दो नियम अलग-अलग तारीखों में जारी हो रहे हैं. जहां 1 जनवरी से फास्टैग अनिवार्य होगा, वहीं 1 अप्रैल से वाहनों का बीमा कराने के लिए फास्टैग विवरण देना भी जरूरी हो जाएगा.
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नई दिल्लीः केंद्र सरकार लोगों के बीच टोल कलेक्शन के लिए जरूरी फास्टैग (Fastag) को लोकप्रिय बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. हाल ही में सरकार ने टोल प्लाजा पर डिस्काउंट पाने के लिए इसको अनिवार्य किया था. इसके साथ ही सरकार ने गाड़ी का बीमा (Car Insurance) कराने के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है.
1 जनवरी से लागू होगा ये नियम
सभी तरह की गाड़ियों पर 1 जनवरी 2021 से फास्टैग लगवाना अनिवार्य होगा. इसके बिना टोल प्लाजा पर टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा. वहीं गाड़ी का बीमा कराने के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है. यदि वाहन बीमा के बिना है, तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. FASTag सरकार को बिना बीमा के वाहनों की पहचान करने में मदद करेगा. थर्ड पार्टी बीमा के लिए, FASTag का विवरण प्रदान करना अनिवार्य होगा. वहीं 1 अप्रैल से लागू बीमा के नए नियम लागू होंगे. अगर गाड़ी पर फास्टैग नहीं होगा तो फिर ये बीमा कराने में वाहन मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
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क्या है Fastag
FASTag एक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा कार्यान्वित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जो RFID आधारित है. NHAI के अनुसार, FASTag अपने राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के दो महीनों के भीतर राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों के जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है.
फिटनेस के लिए भी फास्टैग
इससे पहले सरकार ने गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करने या उनको फिटनेस सर्टिफिकेट (fitness certificate) जारी करते समय गाड़ी में लगे फास्टैग की डीटेल लेने के निर्देश दिए थे.
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