भारतीय रेलवे (Indian Railway) यात्रियों की सुविधाओं के लिए लगातार कुछ न कुछ नया कर रहा है. पिछले दिनों वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को शुरू करके रेलवे ने नया कीर्तिमान स्थापित किया था.
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नई दिल्ली : भारतीय रेलवे (Indian Railway) यात्रियों की सुविधाओं के लिए लगातार कुछ न कुछ नया कर रहा है. पिछले दिनों वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को शुरू करके रेलवे ने नया कीर्तिमान स्थापित किया था. अब खबर है कि रेलवे की तरफ से वंदे भारत एक्सप्रेस में फ्लाइट की तरह हॉस्पिटैलिटी सर्विस शुरू की गई है. रेलवे ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. वंदे भारत में शुरू हुए इस पायलट प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी (IRCTC) को दी गई है.
ट्रेन होस्टेस और स्टीवर्ड्स की नियुक्ति की गई
फ्लाइट की तरह ट्रेन में भी एयर होस्टेस और फ्लाइट स्टीवर्ड्स होंगे. आईआरसीटीसी की तरफ से यात्रियों की सुविधा के लिए दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में ट्रेन होस्टेस और स्टीवर्ड्स की नियुक्ति भी की जा चुकी है. वंदे भारत के लिए 34 कुशल ट्रेन होस्टेस और फ्लाइट स्टीवर्ड की नियुक्ति की जा चुकी है. आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने बताया कि रेल यात्रियों को प्रीमियम सुविधा मुहैया कराने के लिए लगातार काम कर रहा है.
स्टीवर्ड्स को हर महीने मिलेंगे 25,000 रुपये
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार आमतौर पर ट्रेन में यात्रियों को खाना सर्व करने वालों को लाइसेंस्ड केटरर्स 8,000-10,000 रुपये प्रति महीना देते हैं लेकिन बेहतर सर्विस देने के लिए आईआरसीटीसी इन ट्रेन होस्टेस और स्टीवर्ड्स को 25,000 रुपये प्रति महीने दे रही है. वंदे भारत एक्सप्रेस में इस ट्रायल सर्विस को छह महीने के लिए शुरू किया गया है. यदि यह सफल होती है तो इस सर्विस को अन्य ट्रेनों में भी शुरू किया जाएगा.
पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना किया था. इससे पहले इसे ट्रेन-18 के नाम से जाना जाता था. वंदे भारत एक्सप्रेस को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई की तरफ से 18 महीने में तैयार किया गया है. इस ट्रेन को 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया था. ट्रेन-18 के कोच में री-जेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम दिया गया है, जो 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिकल एनर्जी बचाता है.