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Forbes Asia Heroes of Philanthropy: भारत के दिग्गज उद्योगपति अरबपति गौतम अडानी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शिव नादर और हैपिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज के अशोक सूता को फोर्ब्स एशिया के परोपकारी हीरोज के 16वें संस्करण की लिस्ट में शामिल किया गया है. इस लिस्ट को फोर्ब्स ने मंगलवार को जारी किया है. इस लिस्ट में गौतम अडानी का नाम सबसे ऊपर है. अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को ₹60,000 करोड़ (7.7 बिलियन डॉलर) रुपये परोपकार के कार्यों में लगाने की प्रतिबद्धता के लिए इस लिस्ट में सबसे ऊपर रखा गया है.
साल 2022 अडानी के लिए साबित हुआ लकी
अडानी फाउंडेशन द्वारा ये रकम परोपकार के कार्य में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास में लगाई जाएगी. बता दें कि अडानी ने परमार्थ के कार्यों के लिए अपनी इस फाउंडेशन को 1996 में खड़ा किया था. 60 वर्षीय गौतम अडानी ग्रुप के संस्थापक हैं. अडानी ग्रुप देश का सबसे बड़ा पोर्ट ऑपरेटर समूह है. समूह का दायरा बुनियादी ढांचे, वस्तुओं, बिजली उत्पादन और पारेषण व रियल एस्टेट में फैला हुआ है. गौतम अडानी के लिए साल 2022 बेहद लकी साबित हुआ है. उनके समूह की कमाई इस साल इतनी बढ़ी कि वे अब दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हैं.
₹11,600 करोड़ का दान
वहीं, भारत के अरबपति शिव नादर की बात करें तो वे भी परोपकारी कार्यों में हमेशा आगे रहते हैं. उनकी गिनती भारत के शीर्ष दानदाताओं में की जाती है. शिव नादर ने बीते कुछ दशकों में अपनी संपत्ति का लगभग 1 बिलियन डॉलर शिव नादर फाउंडेशन के जरिये सामाजिक कारणों में लगाया है. उन्होंने परोपकार के लिए अपने फाउंडेशन की नीव 1994 में रखी थी. इस साल उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में लोगों को सशक्त बनाने के लिए अपने फाउंडेशन के माध्यम से ₹11,600 करोड़ ($142 मिलियन) का दान दिया. नादर एचसीएल टेक्नोलॉजीज के कोफाउंडर हैं. फाउंडेशन के ट्रस्टियों में उनकी पत्नी किरण नादर, बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा और दामाद शिखर मल्होत्रा शामिल हैं.
अशोक सूता ने किया ₹600 करोड़ का दान
वहीं टेक टाइकून अशोक सूता की बात करें तो उन्होंने उम्र बढ़ने और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के अध्ययन के लिए अप्रैल 2021 में स्थापित मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट को ₹600 करोड़ (75 मिलियन अमरीकी डालर) देने का वादा किया है. हैप्पिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सूता को व्यापक रूप से भारतीय आईटी सेक्टर के अग्रणी लीडर्स में से एक माना जाता है. उन्होंने हैपीएस्ट माइंड्स (2020) और माइंडट्री (2007) दोनों कंपनियों का नेतृत्व किया है. हैपीएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड एक 'बॉर्न डिजिटल' है. बॉर्न एजाइल 'माइंडफुल आईटी कंपनी जो समाधान देने के लिए अग्रणी तकनीकों का उपयोग करती है.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)